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ये कैसा सफर.. लखुवाली हादसें के बाद भी गांवों में नहीं हुई बस सेवा शुरू-मजबूरी में करते है लोग मौत का सफर,निजी वाहन चालक अधिक वसूलते है किराया


जयलाल वर्मा चारणवासी। लखुवाली हेड के पास हुऐ दर्दन नाक सडक़ हादसें के बाद भले ही पुलिस प्रशासन मुस्तैद हो गया होगा। लेकिन जिले में दर्जनों गांव आज भी बस सेवा से वंचित होने के कारण वहां के लोगों को अधिक किराया देकर मजबूरी में निजी वाहनों में सफर करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन को लोगों को हादसों से बचाना है तो सरकार से गांव-गांव व ढाणी-ढाणी में बस सेवा शुरू करने की अनुशंसा करें। अगर गांवों में बसे चलने लगी तो हादसें खुद ही बंद हो जाऐगें। कई गांवों के लोगों को बस सेवा के अभाव में निजी वाहनों में जोखिम भरा सफर करना पड़ रहा है। जो हर रोज जान जोखिम में डाल कर बीस किमी दूर तहसील मुख्यालय पहुंच रहे है। ग्रामीण छोटूराम बिजारणियां,मोहर सिंह गोदारा,मनीराम कस्वां,सुरेन्द्र सिंह ,फौजीराम बेनिवाल इत्यादि ने बताया कि गांव डूमासर,कर्मशाना, भगवानसर,ननाऊ गांव रोडवेज बस से वंचित है। यहां निजी बसों को ही संचालन होता है। जो सडक़ क्षतिग्रस्त होने के कारण नाम मात्र ही रूटों पर बसें चल रही है। कई बार निजी बसें विवाह या मेले में चली जाने से लोगों की परेशानी ओर ही बढ़ जाती है। ऐसे स्थिति में लोगों को जीप,पिकअप व अन्य निजी वाहनों में ईंजन,छत पर बैठ कर या लटकर कर अधिक पैसे देकर जान जोखिम में डाल कर तहसील मुख्यालय पहुंचना पड़ता है। इन गांवों में बस सेवा न होने से अत्यधिक परेशानी पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को हो रही है। जो हर रोज निजी वाहन का किराया वहन कर स्कूल या  कॉलेज नहीं पहुंच रहे है। इन गांवों में रोडवेज बस सेवा शुरू न होने के कारण वरिष्ठ नागरिकों व बुजुर्ग, विकलांग व महिलाओं को सरकार द्वारा राजस्थान रोडवेज बस में सफर करने पर मिलने वाली छूट का लाभ नहीं मिल रहा है। लोगों को मामूली कार्य कार्य के लिए अधिक किराया भर कर तहसील मुख्यालय आना पड़ता है। यहां कैंद्र व राज्य सरकार की ग्रामीण व गोरव पथ बस सेवा योजना भी दम तौड़ रही है। ग्रामीणों रोडवेज डिपो के महाप्रंबधक से नोहर से ननाऊ तक राजस्थान रोडवेज बस चलाने की मांग की है। एसएफआई के जिलाउपाध्यक्ष राकेश नेहरा ने बताया कि कई बार परिवहन मंत्री व डिपो महाप्रंबधक को ज्ञापन  भेजकर बस चलाने की मांग की गई थी। लेकिन आज तक कोई बस शुरू नहीं हुई। 

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