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Special Report -भंवरमाता मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का टोटा ,कल से चेत्र नवरात्र शुरु श्रद्धालुओं का लगेगा जमघट


दिलीप सेन की रिपोट 

प्रतापगढ ।जिले से 53 किमी दुर स्थित छोटीसादड़ी मेवाड़ मालवा के प्रमुख शक्तिपीठ महामाया श्री भंवर माता मंदिर परिसर में मंगलवार से चैत्र नवरात्र की रहेगी रोनक  यहां प्रतिदिन श्रद्धालुओं का आना जाना तो लगा ही रहता है पर चैत्र नवरात्रि में विशेष  पूजा अर्चना करने श्रद्धालु दूर-दराज से आते हैं श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का अभाव है श्री भंवर माता पुजारी युधिष्ठर शर्मा द्वारा प्रतिदिन माता की प्रतिमा को गंगा जल से स्नान कराकर विशेष  श्रंगार कर महा आरती की जाती है और कल से चेत्र नवरात्रि की रहेगी रौनक मगर श्री भंवर माता दर्शनीय विकास एवं सेवा ट्रस्ट द्वारा विगत 2008 से नवरात्रि महोत्सव पर्व नहीं मनाने पर मां के भक्तों में भारी रोष व्याप्त है
भंवर माता मंदिर परिसर की व्यवस्थाओं को देखने पर पता लगा कि मंदिर परिसर में स्थित ट्रस्ट कार्यालय पर ताला लटका रहता है जगह जगह पर बंदरों ने बहुत ही गंदगी कर रखी है बंदरों मल मूत्र मां के भक्तों के पैरों में लगकर मंदिर के अंदर तक जाता है साथ ही मंदिर परिसर में श्री भंवर माता भक्त मंडल द्वारा लगाई गई पानी की पाइप लाइन  भी तोड़ दी गई है सभी तरफ गंदगी पसरी हुई है नीचे की तरफ केवड़ा की नाल में जाने की और कई सीढ़ियां टूट कर क्षति ग्रस्त चुकी है तथा पीने के पानी का एकमात्र कुआं जो खुला हुआ है और उसमें घास फूस एवं पत्तियां गिर रही है उसमें विगत वर्ष भी एक बंदर गिरकर मर गया था उस पर्याप्त पानी के कुए को जल्दी से लोहे की जाली से ढकने की आवश्यकता है साथ ही माताजी के सामने नीचे नहाने के 70  फिट पवित्र कुंड की दशा भी बहुत अच्छी नहीं है जगह जगह कचरा बिखरा पड़ा है वहां का कोई मालिक नहीं है ऐसा लगता है मध्य प्रदेश से आई हुई माता की भक्त आशा सहयोगिनी गायत्री खारोल बोरखेड़ी मध्य प्रदेश ने बताया कि यहां पर ट्रस्ट द्वारा किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था क्यों नहीं है माताजी के मुख्य उत्सव नवरात्रा पर्व पर दी रंग-रोगन का कोई कार्य नहीं किया गया है और ना ही कराया जा रहा है और हरियाली अमावस्या हम मनाते हैं इसीलिए बड़ा मेला लगता है उधर मंदिर के गादीपति पुजारियों ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा सिर्फ पैसा बटोरने का कार्य चल रहा है और माता के उत्सव को हम लोग पूरी तरह से  श्रद्धा पूर्वक मना रहे हैं यहां चेत्र नवरात्रि मैं अष्टमी की पूर्णाहुति मैं माता का विशाल भंडारा भी होता है पुजारियों ने बताया  कि मां की सेवा में उपयोग  होने वाली पानी की पाइपलाइन को भी तोड़ डाला है जिससे मां की सेवा पूजा में हर रोज पानी की बहुत समस्याएं  उठानी पड़ रही है


इनका कहना 
- देवस्थान उपायुक्त जतिन कुमार गांधी ने दूरभाष पर बताया कि मुझे ट्रस्ट नवरात्रि नहीं मनाए जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है मामले की जांच करवा कर कार्यवाही की जाएगी


इनका कहना 

भंवरमाता  प्रमुख गादीपति पुजारी अरविंद औदिच्य ने बताया कि ट्रस्ट अपने उद्देश्यों से पूर्णरूपेण भटक चुका है  और ट्रस्ट मां के सेवा कार्यों में ब्राह्मण पुजारियों का सहयोग करें नवरात्रि में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं का बखूबी ख्याल रखा जाएगा

इनका कहना 
- इस बारे में  कांग्रेस नगर अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा ने बताया की भंवर माता में आने वाले मां के भक्तों की पूर्ण व्यवस्था अवश्य होनी चाहिए ट्रस्ट अगर ऐसा नहीं कर रहा है तो छोटी सादड़ी की जनता को आगे आना होगा

इनका कहना -
 इस बारे में  ट्रस्टी कैलाश इंदौरा  से मोबाइल फोन पर बात करने पर पता लगाया पता लगा कि ट्रस्ट का मंत्री अपनी
 हठधर्मिता के कारण हर किसी को ट्रस्ट से बाहर कर देता है और पुजारियों से झगड़ा करने पर उतारू रहता है उसका व्यक्तिगत झगड़ा वह ट्रस्ट के अंदर ला करके रखता है साथ ही वह हिटलरशाही दिखाकर की भंवर माता  विकास ट्रस्ट के द्वारा दर्शनार्थियों के लिए व्यवस्था नहीं की जाती है और अगर कोई श्रद्धालु वहां पर कुछ भी पवित्र कार्य करना चाहता है तो ट्रस्ट के मंत्री उसके खिलाफ मामला दर्ज कराते हैं

इनका कहना- 
इस संबंध में यूडीएच मंत्री श्री चंद कृपलानी ने बताया कि भंवर माता में विकास में कमी नहीं आने दूंगा छोटी सादड़ी आने पर बात करूंगा 

आवागमन के नहीं है पर्याप्त साधन छोटी सादडी शहर से महज 3 किलोमीटर दूर महामाया भंवर माता के दरबार तक पहुंचने के लिए निजी बस साधन बहुत ही सीमित है ग्रामीण परिवहन बस सेवा के लिए प्रशासन को जागरुक होने की आवश्यकता है यह है दरकरार शहर से भंवर माता जाने वाली पक्की सड़क खस्ताहाल हो गई है जगह-जगह बड़े-बड़े खड्डे पड़ गए हैं जिससे दर्शनार्थी वाहनों पर उछल कूद करते माता के मंदिर तक पहुंचते हैं केवड़ा की नाल एवं कुंड की ओर जाने वाली सीढ़ियां की मरम्मत एवं दोनों और रेलिंग की आवश्यकता है केवड़ा की नाल के पास पर्याप्त पानी युक्त कुए को लोहे की जाली से ढकने की आवश्यकता है मंदिर परिसर एवं धर्मशाला  में साफ-सफाई निरंतर होनी चाहिए जिससे श्रद्धालुओं को भोजन बनाने में कोई परेशानी नहीं हो

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