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इनके लिए बनी मां दुर्गा, महिला दिवस के ठीक पहले खास-पेशकस

नोहर-जमाल संपर्क सड़क पर गांव जमाल के पास धूंध व कड़ाके की ठंड में गांव ढांबी (फतेहाबाद)हरियाणा निवासी शकु तला देवी पत्नि सान कुमार मोटसाईकल पर गांव फेफाना में अपने रिश्ते दारों के यहां आ रहे थे। गांव जमाज के पास अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। जिससें दोनों घायल होकर सड़क बीच गिर गए। आने-जाने वाहन चालकों से एक घंटे सड़क पर तडफड़ाते हुए मदद की गुहार लगाते रहे।     लेकिन किसी वाहच चालक ने सुध नहीं ली। पिछे से भीम सैन व श्रीमती इन्द्रा देवी इंदौरिया सिरसा से आ रहे थे। इन्द्रा देवी ने खुन से लथपथ महिला को तुरन्त अपनी गाडी में डालकर मरहम पट्टी कर बह रहे खून बंद कर अस्पताल में पहुंचाया । इसके अलावा लगभग तीन साल पूर्व मद्रास आर्मी की बटालियन अपने युद्वा अयास के लिए हिसार से सुरतगढ जा रही थी ओर सेना का एक ट्रक भादरा मोड पर अनियंत्रित होकर पलट गया। जिससें पांच देश के सिपाही बुरी तरह जमी हो गए। घटना स्थल पर भीम सैन इंदौरियां व इन्द्रा देवी पहुंचे ओर अपनी गाड़ी में पाचों सिपाहियों को नोहर अस्पताल समय पर पहुंचा कर पांच जाने बचाई। सन् 2011 में सिरसा (हरियाणा) में गुरूद्वारा के सामने एक हिंसक गोधे ने एक अनजान व्यक्ति को टक्कर मार-मार कर घायल कर दिया ओर आस-पास के दुकानदार घायल की मदद करने की बजाय तमाशा देख रहे थे। इन्द्रा देवी ने अपने आप को रोक नहीं सकी और घायल को कंधों पर उठा कर भरे बाजार में दौड़ कर अस्पताल पहुंचाया। जहां घायल व्यक्ति का खून अधिक बह जाने से शरीर में खून की कमी गई। देवी ने अनजान व्यक्ति को अपना खून देकर नव जीवन दिलवाया। बेटे अमित की मौत के बाद घायलों को बचाने की प्रेरणा लेकर भीम सैन व पत्नि श्रीमती इन्द्रा देवी इंदौरियां ने सात सालों में सड़कों पर पड़े सैंकड़ो घायलों को अपनी गाड़ी व जेब से राशि खर्च जान बचाई है। 

लेखक-- जयलाल वर्मा एक पत्रकार

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