Advertisement

Advertisement

नाम राजकीय आदर्श माध्यमिक विद्यालय,लड़कियों के लिए नहीं शौचालय,बरसात में टपकती हैं छते,लापरवाही की सारी हदे पार,ऐसे शिक्षा अधिकारी को तो भारत सरकार से मिलना चाहिए सर्वोच्च पुरस्कार- धन्य है

4 एम.एल. (राजेन्द्र गोयल)
ग्राम पंचायत 4 एम.एल.में लगभग 22-23 वर्ष पहले भामासाह चौधरी जीवन राम लिम्बा ने एक बीघा जमींन स्कूल हेतु दान में दी थी।तब उस जमींन पर सरकारी तो बन गया मगर आज तक उस के बाद स्कूल की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। आज उस स्कूल की हालत बहुत बुरी हो चुकी है।बच्चे इसकी उजड़ी व्यवस्था देख कर एड्मिसन तक नहीं ले रहे है।सरकारी स्कूल राजकीय आदर्स माध्यमिक विधालय मुलभुत सुविधाओ हेतु जूझ रहा है। जानकारी अनुसार स्कूल में लम्बे टाइम से छात्र-छात्राओ हेतु शोचालय नहीं है।और जो बने हुए है उन में इतनी गंदगी पड़ी है की देखते ही उल्टिया आने लग जाती है।जबकि स्कूल में लेडीज़ स्टाफ के लिए अलग से टॉयलेट बना हुआ है।जिसके ताला लगा कर रखते है।और स्कूल जब से बना है तब से आज तक एक बार भी इस स्कूल की मरम्मत नहीं हुई है। जगह जगह कमरो में व बाहर दीवारो पर दरारें आ चुकी है।बरसात के टाइम छत से पानी टपकने लग जाता है।ना ही इस स्कूल के गेट व चार दिवारी है।जिस कारण आवारा पशु स्कूल में घुस जाते है।जो कभी स्कूल में पढ़ते बच्चों को नुक्सान पहुँचा सकते है।स्कूल में शिक्ष्या विभाग द्वारा भी बजट आता मगर कहा जाता है किसी को नहीं पता।स्कूल में कोई विकास नहीं हो रहा है।ग्रामीण शंकर लाल ने बताया की मेरे 4 पोते पोतियां इस स्कूल में पढ़ने हेतु जाती है।पर स्कूल में पीने हेतु साफ़ पानी उपलब्ध नहीं है। यहाँ जो डिग्गी बनी हुई है उसमे इतना गन्दा पानी है जो पीने लायक नहीं है। गर्मियों में घर से पानी की बोतले भर के ले जाते है।मेने स्कूल में इस बारे में अवगत भी कराया पर मेरी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।इस स्कूल के पहले गेट लगा था वो भी अब आपसी विवाद की भेंट चढ़ गया है।और तो और इस स्कूल में कुल 81 बच्चों पर 12 का स्टाफ उपलब्ध है।

 खण्डर स्थिति 

शौचालय की हालात 

जर्जर अवस्था में भवन 






प्रधानाध्यापक  चन्द्रकला चौधरी ने बताया की स्कूल में बजट के अभाव में कोई काम नहीं हो रहा है। हमने गाँव में भामसाहो से संपर्क कर सहयोग माँगा है।फिर भी हमने स्कूल में मरम्मत कार्य शुरू  कर रखा है।गाँव के सहयोग से ही स्कूल में विकास कार्य सम्भव होगा।हमने सरपंच साहब को भी स्कूल की समस्यायो के बारे अवगत करवाया हुआ है।









शंकर लाल ने बताया की स्टाफ खुद तो घर से पीने का पानी लाते है।और हमारे बच्चों को स्कूल में गंदा पानी पिलाते है।स्कूल में बच्चों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिस कारण स्कूल में पढ़ाई का स्तर गिरता जा रहा है। छात्र-छात्राओ के लिए टॉयलेट की भी वयवस्था नहीं है।










पूनम चंद ने बताया की इस स्कूल में कई  सालो से कोई विकास कार्य नहीं हो रहा है।स्कूल का रिजल्ट स्तर गिरता देख कर बच्चे प्राइवेट स्कूल ने एड्मिसन लेने लगे है। स्कूल स्टाफ को इस और ध्यान देना चाहिए।











सरपंच मीनू लिम्बा ने बताया की ग्राम पंचायत इस स्कूल में पैसा नहीं लगा सकता।फिर भी ग्रामीणों के सहयोग से स्कूल में सुधार करवाया जायेगा।



लड़कियों के शौचालय की हालात सब कुछ बयां कर रही 

Advertisement

Advertisement