हनुमानगढ़।पंचायतीराज विभाग द्वारा वर्ष 2013 में निकाली गई भर्ती कनिष्ठ
लिपिक एवं अधीनस्थ सेवा एसएसआर के समस्त पदों पर सर्वोच्च न्यायालय के
निर्णयानुसार भर्ती प्रारम्भ करवाने की माँग को लेकर शुक्रवार महात्मा
गांधी नरेगा कार्मिक संघ के सदस्यो ने जिलाध्यक्ष सुनील भारद्वाज के
नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करमुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन
कलक्टर को सौंपा।ज्ञापन में बताया गया है कि कनिष्ठ लिपिक एवं अधीनस्थ
सेवा भर्ती 2013 के में संविदा/निविदा कार्मिकों को दिये जाने वाले बोनस
अंक के प्रावधान के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय में दायर एसएलपी संख्या
32006.09/2013 राजस्थान राज्य बनाम अर्चना एवं एसएलपी 39720/2013 अशोक
वैष्णव बनाम राजस्थान सरकार में निर्णय 29 जनवरी 2016 को संविदा
कार्मिकों के पक्ष में हो चुका है। निर्णय से पूर्व वित विभाग द्वारा
पंचायती राज विभाग को भर्ती से शेष रहे पदों को अस्थगित रखने के निर्देश
दिये हुए थे। वर्तमान में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए पंचायती राज
विभाग द्वारा वित विभाग को पद भरने की अनुमति प्राप्त करने बाबत्
पत्रावली प्रेषित की गई है,परन्तु संघ की जानकारी में आया है कि वित
विभाग द्वारा विज्ञापित पदों को कम किये जाने की कार्यवाही प्रस्तावित की
जा रही है, जबकि दूसरी तरफ विभाग द्वारा हाल ही में पंचायत सहायक के
27000 पदों पर भर्ती की विज्ञप्ति जारी की गई है।विभाग के इस निर्णय से
संविदा/निविदा कार्मिक नियमित नहीं हो पायेंगे एवं हजारो संविदा/निविदा
कर्मी नियमित नियुक्ति से वंचित रह जायेगें। जिनका राज्य सरकार द्वारा
मेरिट के आधार पर चयन किया जाकर दस्तावेजों का सत्यापन भी किया जा चुका
है और विभाग द्वारा कार्मिकों के केवल नियुक्ति आदेश जारी किये जाने ही
शेष है। किन्तु वर्तमान में विभागीय स्तर पर भर्ती प्रक्रिया मे किये जा
रहे संशोधन से गत 8 से 10 वर्षों से अल्प मानदेय में संविदा सेवा प्रदान
करने वाले कार्मिकों के साथ घोर अन्याय व हितों के साथ कुठाराघात
होगा।अगर पंचायती राज भर्ती 2013 के समस्त 26535 पदों पर भर्ती की जाती
है तो भी राज्य सरकार पर आगामी 2 वर्षो तक किसी भी प्रकार का अतिरिक्त
वितीय प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि वर्तमान में संविदा कार्मिक के रूप
में मानदेय राशि से कम वेतन उक्त भर्ती में चयनित नियमित कार्मिकों को
अगले 2 वर्षों में परिवीक्षा काल में देय होगा।ज्ञापन में मांग नही माने
जाने की स्तिथि में 22 मार्च को के विधानसभा के समक्ष रैली व सांकेतिक
धरना प्रदर्शन 23 मार्च को प्रदेश स्तर पर आमरण अनशन करने लिया गया है
इस अवसर पर राजकुमार, अनिल शर्मा,ईश्वर बाघला,जगदीश सहारण,दिनेश
शर्मा,चतुर्सेन शर्मा,घनश्याम कड़वासरा,दयाराम,स्नेहलता जोशी,दयाराम
,संदीप सहारण , सुनील शर्मा,पदमेश सिहाग, सोहन यादव आदि मौजूद थे। इसके
पश्चात मनरेगा कार्मिकों की जिला स्तर की समस्याओं का निस्तारण करवाने
की मांग को लेकर मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भी छ सूत्री मांग पत्र सौंपा
गया।
लिपिक एवं अधीनस्थ सेवा एसएसआर के समस्त पदों पर सर्वोच्च न्यायालय के
निर्णयानुसार भर्ती प्रारम्भ करवाने की माँग को लेकर शुक्रवार महात्मा
गांधी नरेगा कार्मिक संघ के सदस्यो ने जिलाध्यक्ष सुनील भारद्वाज के
नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करमुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन
कलक्टर को सौंपा।ज्ञापन में बताया गया है कि कनिष्ठ लिपिक एवं अधीनस्थ
सेवा भर्ती 2013 के में संविदा/निविदा कार्मिकों को दिये जाने वाले बोनस
अंक के प्रावधान के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय में दायर एसएलपी संख्या
32006.09/2013 राजस्थान राज्य बनाम अर्चना एवं एसएलपी 39720/2013 अशोक
वैष्णव बनाम राजस्थान सरकार में निर्णय 29 जनवरी 2016 को संविदा
कार्मिकों के पक्ष में हो चुका है। निर्णय से पूर्व वित विभाग द्वारा
पंचायती राज विभाग को भर्ती से शेष रहे पदों को अस्थगित रखने के निर्देश
दिये हुए थे। वर्तमान में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए पंचायती राज
विभाग द्वारा वित विभाग को पद भरने की अनुमति प्राप्त करने बाबत्
पत्रावली प्रेषित की गई है,परन्तु संघ की जानकारी में आया है कि वित
विभाग द्वारा विज्ञापित पदों को कम किये जाने की कार्यवाही प्रस्तावित की
जा रही है, जबकि दूसरी तरफ विभाग द्वारा हाल ही में पंचायत सहायक के
27000 पदों पर भर्ती की विज्ञप्ति जारी की गई है।विभाग के इस निर्णय से
संविदा/निविदा कार्मिक नियमित नहीं हो पायेंगे एवं हजारो संविदा/निविदा
कर्मी नियमित नियुक्ति से वंचित रह जायेगें। जिनका राज्य सरकार द्वारा
मेरिट के आधार पर चयन किया जाकर दस्तावेजों का सत्यापन भी किया जा चुका
है और विभाग द्वारा कार्मिकों के केवल नियुक्ति आदेश जारी किये जाने ही
शेष है। किन्तु वर्तमान में विभागीय स्तर पर भर्ती प्रक्रिया मे किये जा
रहे संशोधन से गत 8 से 10 वर्षों से अल्प मानदेय में संविदा सेवा प्रदान
करने वाले कार्मिकों के साथ घोर अन्याय व हितों के साथ कुठाराघात
होगा।अगर पंचायती राज भर्ती 2013 के समस्त 26535 पदों पर भर्ती की जाती
है तो भी राज्य सरकार पर आगामी 2 वर्षो तक किसी भी प्रकार का अतिरिक्त
वितीय प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि वर्तमान में संविदा कार्मिक के रूप
में मानदेय राशि से कम वेतन उक्त भर्ती में चयनित नियमित कार्मिकों को
अगले 2 वर्षों में परिवीक्षा काल में देय होगा।ज्ञापन में मांग नही माने
जाने की स्तिथि में 22 मार्च को के विधानसभा के समक्ष रैली व सांकेतिक
धरना प्रदर्शन 23 मार्च को प्रदेश स्तर पर आमरण अनशन करने लिया गया है
इस अवसर पर राजकुमार, अनिल शर्मा,ईश्वर बाघला,जगदीश सहारण,दिनेश
शर्मा,चतुर्सेन शर्मा,घनश्याम कड़वासरा,दयाराम,स्नेहलता जोशी,दयाराम
,संदीप सहारण , सुनील शर्मा,पदमेश सिहाग, सोहन यादव आदि मौजूद थे। इसके
पश्चात मनरेगा कार्मिकों की जिला स्तर की समस्याओं का निस्तारण करवाने
की मांग को लेकर मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भी छ सूत्री मांग पत्र सौंपा
गया।
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