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कूड़े के ढेर में भोजन तलाशती गरीब जनता,यूपी में चुनावो के समय भी हालत बद से बदतर आगे क्या उम्मीद करे जनता देखे यूपी राजधानी लखनऊ की हालत

आफाक अहमद मंसूरी

उतरप्रदेश/लखनऊ । यूपी में चोतरफा  चुनावी माहोल चल रहा हैं जनता से बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं कोई कुछ वादा कर रहा हैं तो कोई कुछ वादा कर रहा हैं लेकिन प्रदेश की राजधानी लखनऊ जो आज देखने को मिला वो वाकई बहुत दुःखद था । आखिर अभी तो चुनाव शुरू ही हुए हैं कहाँ गये वादे अभी से अगर ये हाल हैं तो आगे क्या हाल होगा।

चुनाव जारी हैं

इस वक्त उत्तर प्रदेश के चुनाव जारी हैं सभी पार्टी के महत्वपूर्ण चेहरे अपनी-अपनी जीत हासिल करने की दौड़ में लगे हैं इसके लिए जी तोड़ मेहनत हो रही है तरह तरह के बयान दिए जा रहे हैं कंही शमशान की बात तो कंही कब्रिस्तान की बात, कहीं दीपावली और रमजान की बिजली को लेकर भाषण तो कंही धर्म के नाम पर राजनीति हो रही तो कंही मेट्रो और आगरा एक्सप्रेसवे के विकास के दावे पर चर्चाएं हो रही है ! लेकिन इस चित्र को देखने के बाद सब दावे फ़ैल नजर आ जाते हैं ।

कूड़े में तलाशता भोजन

चुनावी माहोल में भी इस तरह के हालत कुछ हकीकत जरुर बयाँ कर रहे हैं । वंही दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले में जनता को अपनी बुनियादी जरूरत दो वक्त का खाना कूड़े के ढ़ेर से जुटाना पड़ रहा है क्या कभी किसी ने सोंचा है की आज वर्तमान वक्त में उत्तर प्रदेश की जनता अपना जीवन कैसे व्यतीत कर रही है आज जनता को पेट भरने के लिए दो वक्त का खाना चाहिए, जनता को अपनी आर्थिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए रोजगार चाहिए, जनता को सरकार की हर नीति से उसका लाभ चाहिए | लेकिन यहाँ तो सब कुछ उल्टा ही नज़र आ रहा हैं ।

काश ! कि उत्तर प्रदेश की  सरकार आम जनता की बुनियादी जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान की तरफ ध्यान दे जिससे प्रदेश में भुखमरी व कुपोषण पूरी तरह से समाप्त हो सके |

काश ! ये सब इन सभी पार्टियों को दिखाई दे उनको अपनी गलतियों का अहसास हो ।
काश ! इन्हें रोटी,कपड़ा,मकान और रोजगार दिलवा दे सरकार ।

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