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एचआईवी-एड्स मरीजों के साथ भेदभाव अब होगा दंडनीय अपराध,लोकसभा ने दी मंजूरी


राष्ट्रीय खबर । देश भर में एड्स एक बहुत बड़ी चिंता का विषय हैं । जिसको लेकर देश में काफी अवधारनाएँ हैं जो समय-समय पर घटती-बढती रही हैं । एड्स को लेकर काफी भ्रांतियां भी हुई लेकिन जागरूकता ने उन सभी को खत्म करने का भरपूर प्रयास किया । लोकसभा में देशभर में एचआईवी-एड्स पीड़ितों के मुफ्त इलाज की सुविधा वाले, शराब पीकर गाड़ी चलाने पर दस हजार रूपये के भारी जुर्माने के प्रावधान वाले और मानसिक रोगियों को इलाज का अधिकार देने वाले विधेयक प्रमुख रूप से शामिल हैं ।

एचआईवी-एड्स मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान करने वाले ‘मानव रोगक्षम अल्पता विषाणु और अर्जित रोगक्षम अल्पता संलक्षण निवारण एवं नियंत्रण विधेयक 2017’ में एचआईवी मरीजों से किसी भी प्रकार के भेदभाव को दंडनीय अपराध बनाया गया है  ।

मानसिक स्वास्थ्य देखरेख विधेयक, 2016 में मानसिक रोगियों के आत्महत्या के प्रयासों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है ।

अब इस विधेयक के लोकसभा में पारित होने से जहाँ एड्स से ग्रसित लोगो को राहत मिलेगी वहीं उनके साथ सम्बन्धो में भी सुधार आने की आशंका हैं । वहीं इस फैसले ने उन्हें एक नई जिन्दगी जीने की आज़ादी भी दी हैं ।

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