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सादुलपुर (ओमप्रकाश)। क्या करेगा प्रधानमंत्री मोदी का स्वच्छता अभियान और कैसे फलीभूत होगा खुले में शौच न जाने का नारा ? जब रोज देखने को मिलता है मजबूर सिपाहियों द्वारा खुले में शौच जाने का नजारा। जी हां, यह सत्य ही नहीं, एक गहरी पीड़ा भी है पुलिस की सहयोगी तथा कानून व्यवस्था के लिए अहम् भूमिका निभाने वाले आरएसी जवानों की। 18 अप्रेल को यह हालात जानने का मौका मिला उपखण्ड कार्यालय में एसडीएम के पास आए हुए आरएसी सिपाहियों की व्यथा सुन कर। हरियाणा सीमा पर स्थित राजगढ सादुलपुर उपखण्ड मुख्यालय पर आर.ए.सी. की एक बटालियन का कैम्प स्थापित किया हुआ है। पिछले कई सालों से करीब 40 से 60 सिपाही तथा अधिकारी यहां रहते आ रहे हैं। पहले कभी इनको किसी धर्मशाला या किसी संस्था के निजि भवन में रोका जाता था, मगर स्थाई रूप से रहने के लिए कोई अपना भवन कैसे दे दे ? इन परिस्थितियों में चूरू रोड पर स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पास बने हुए पुलिस क्वाटरों में इनको रखा हुआ है। हालांकि कर्तव्य पूर्ति के लिए सिपाही आदि बरसों से यहां पर रह रहे हैं, मगर यहां पर अन्य आवश्यक मूलभूत सुविधाएं तो उपलब्ध होना दूर की बात है, शौचालय तक नहीं है। मजबूर सिपाहियों को रोजाना सुबह शाम बोतल लेकर जंगल में शौच के लिए जाना पडता है। इनके अलावा न यहां पर पर्याप्त जल का प्रबन्ध होता है, न ही खाना बनाने के लिए रसोई कक्ष है। जलाभाव के कारण भीषण गर्मी तथा कठिन डयुटी करके आने के बाद जवानों को नहाने के लिए एक बाल्टी जल नहीं मिलता है। ऐसे हालातों में क्या बीतती होगी इन जवानों पर, यह तो वही सहन करने के लिए मजबूर है बेचारे। ऐसा नहीं कि अधिकारियों, प्रशासन या उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं हो ? मगर वो क्यों ध्यान दें, जब उनको तो पूरी साधन सुविधाएं उपलब्ध हो जाती है। इस बारे में उन जवानों से पुछा गया तो पुलिस सेवा नियम के अन्तर्गत चुप रहने के लिए मजबूर सिपाहियों ने सिर्फ यही कहा कि हम मिडिया के सामने कुछ बोल नहीं सकते। वहां उपस्थित प्रमुख नागरिकों उम्मेद मालू, श्याम जैन, दुर्गेश जोशी, एडवोकेट प्रीतम शर्मा आदि ने हालातों को समझते हुए युवा एसडीएम सुभाष कुमार को सुझाव दिया कि विकट समस्या को देखते हुए इन सिपाहियों के रहने के अस्थाई प्रबन्ध के लिए प्रशासनिक स्तर पर कदम उठाए जाएं। राजकीय शाला भवन बन्द पडे हैं, उनमें इन सिपाहियों के रहने की व्यवस्था करवा दी जाए। एसडीएम ने यह सुझाव काबिले गौर मानते हुए यह बात भी कही है कि शौचालयों के लिए वह नगरपालिका से भी बात करके कुछ व्यवस्था करवाने का हर संभव प्रयास करेंगे।
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