दिलीप सैन
प्रतापगढ़ । स्कूल जाने की उम्र में पेट के खातिर बचपन कचरा बीनते होये या दर दर भटक कर भीख मांगते नजर आ रहे हे सरकार चाहे शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए चाहे कितने भी जतन कर ले पर शिक्षा के नाम से राजस्थान पिछड़ता हुआ ही नजर आ रहा है छोटे बच्चों को स्कूल भेजने के बजाय मां बाप भीख मांगने को मजबूर कर रहे हैं घुमक्कड़ जाति व कचरा बीनने वाले बच्चों को शहर में जगह-जगह कचरे बिनने के लिए घुमक्कड़ जाती के बच्चे सुबह से शाम तक कचरा बीनते हुए या भिक्षावृत्ति करते नजर आते हैं
माता-पिता मंगवा रहे हैं भीख
शहर में जगह-जगह 5से 6साल के बच्चे को भीख मंगवाने के लिये माता-पिता मजबूर कर रहे हैं शहर में देखने को मिल जाता है कि कई जगह बच्चे माता पिताओं के साथ भी भीख मांगते हुए नजर आते हैं राजस्थान सरकार शिक्षा को लेकर चाहे कितने भी ढोल-नगाड़ों के साथ फूल मालाओं के साथ शिक्षा को बढ़ावा देने की कितने भी जतन करे पर सच्चाई तो यह है कि पेट के खातिर कहीं लोग छोटे बच्चों से होटलों और व्यवसाय पर व व कचरा बिनाने का काम छोटे बच्चों से करावाया जाते हे जिस पर ना तो जिला प्रशासन कोई कार्रवाई करता है और ना शर्म विभाग व समाज कल्याण विभाग ईश्वर गंभीरता दिखाते हुए नजर नहीं आते हैं
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