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खत्म हुई फसल की राखी,आ गई वैशाखी


हनुमानगढ़ । टाऊन के बचपन प्ले स्कुल द्वारा बच्चों को बैशाखी के पर्व के महत्व को समझाने के लिए उन्हे गेंहू के खेत में ले जाया गया । जहाँ पर गेंहू की कटाई हो रही थी,फसल कटाई का मौसम भारत में विशेष महत्व रखता है जिसे के त्यौहार की तरह मनाया जाता है । यहाँ गेंहू की कटाई को वैशाखी के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है । इस त्यौहार को मनाने के पीछे विद्याथियों को यह संदेश देना मुख्य उदेश्य था की अधिक परिश्रम का फल हमेशा खुशियां एवं आन्नद लेकर आता है रात रात भर जाग कर वे गेंहू की फसल का इन्तजार करते है,यही फसल बहुत सारे लोगो को जीवन प्रदान करती है । इसे दूसरे नाम से खेती का पर्व भी कहा जाता है, अब रबी की फसल पक कर तैयार हो जाती है तब यह त्यौहार मनाया जाते है,इसी दिन 1699 में सिख समाज के दसवें गुरू श्री गुरू गोविन्द्र सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी । बचपन में आयोजित वैशाखी पर्व गतिविधी से सही मायनों में नन्हे बच्चो में मानवता के प्रति समर्पण,सघर्ष एवं लगन की भावना का संचार किया ।  

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