हनुमानगढ़। गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की समस्त नागरिको तक सुगमता से पहुंच सुनिश्चित करवाने की मांग को लेकर जन स्वास्थ्य अधिकार मंच के सदस्यों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन जिला कलक्टर को सौंपा। ज्ञापन में बताया गया है कि राज्य सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य सेवाओं पर किया जानेवाला व्यय अन्य राज्यों से सधिक होने के कारण गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की समस्त नागरिको तक सुगमता से पहुंच के लिए किये जा रहे प्रयास सराहनीय है किन्तु स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण के मामले में राज्य सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णय चिंताजनक है। ज्ञापन में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को निजी क्षेत्रों में संचालन हेतु हस्तांतरण करने का निर्णय एवं गंभीर रोग चिकित्सा निदान के लिए स्वास्थ्य बिमा के माध्यम से निजी चिकित्सालयों को दायित्व देने के निर्णय पर पुनर्विचार कर इसे स्थयी रूप से स्थगित करने के आलावा निशुल्क दवा वितरण को सुनिश्चित करवाने के लिए निगरानी व्यवस्था करवाने,निजी क्षेत्र द्वारा प्रदत सेवाएं जिस मूल्य पर राजकीय सेवाएं उपलब्ध है पर बेहतर गुणवत्ता के सेवाएं उपलब्ध करवाने,भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में बीमा कंपनी को हटाकर ट्रस्ट के माध्यम से इस योजना का संचालन करने,स्वास्थ्य हेतु वार्षिक बजट को बढ़ाकर दुगुना करने ,स्वास्थ्य सेवाओं को मौलिक अधिकार के रूप में लागु करने,वर्ष 2016 से पीपीपी मॉडल पर संचालित प्राथमिक व् सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो को सरकार द्वारा संचालित किये जाने, बेटी बचाओ अभियान विकसित विजन दस्तावेज 2021 को लागु करने,सिलिकोसिस रोग के उपचार एवं इसके फैलने की भयावता को कम करने के लिए पीड़ित व् मृतको के परिजनों को मुआवजा देने,प्रसवपूर्व व् संस्थागत प्रसव पश्चात् मातु मृत्यु होने पर कम से कम एक लाख रुपए का मुआवजा देने आदि की मांग की गयी है। इस मोके पर डॉ कृष्ण झाझड़िया,मनीष बब्बर,आनंद शर्मा,रेनू ,संतोष चौरसियाआदि मौजूद थे।
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