हनुमानगढ़। चैत्र के नवरात्रों के उपलक्ष्य में संत आश्रम हनुमानगढ़ जंक्शन ओवरब्रिज के पास में रामायण केे नवम् परायण का समापन बुधवार को हुआ। इस पाठ के तहत 25 मार्च से 5 अप्रैल तक महामण्डेलश्वर स्वामी सुरेश मुनी जी महाराज हरिद्वार वाले के मुखाबिन्द से श्रीराम कथा का आयोजन किया गया। आज समापन समारोह का आयोजन किया गया। समापन समारोह में बड़ी गिनती में श्रद्धालुओं ने कथा स्थल पर पहुंचकर जहां राम कथा श्रवण कर पुण्य-लाभ कमाया, वहीं स्वामी सुरेश मुनी जी महाराज का आर्शीवाद भी प्राप्त किया। स्वामी जी ने श्रद्धालुओं के समक्ष राम कथा पर प्रकाश डालने के अलावा भजनों की गंगा में भी डुबकियां लगवाईं। प्रवचनों की अमृतवर्षा दौरान हनुमान जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए स्वामी जी ने कहा कि हनुमान जी प्रभु राम चंद्र जी के परम सेवकों में एक हैं। वह अपने प्रभु श्री राम जी के हर कार्य चुटकी बजाते ही हल कर देते थे। 'राम दुआरे तुम रखवारे...चौपाई का अर्थ समझाते हुए स्वामी जी ने कहा कि हनुमान जी राम जी के द्वार के रखवाले हैं। वह राम जी के द्वारपाल की तरह उनके दरबार के समक्ष खड़े रहते हैं और हर वक्त प्रभु की सेवा में तत्पर रहते हैं। इस मौके मंदिर प्रांगण हनुमान जी के रंग में रंग गया। श्रद्धालु वीर बजरंगी के जयकारे लगा रहे थे।इसके पश्चात महाआरती का आयोजन हुआ जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने संयुक्त रूप से आरती की जिसके पश्चात विशाल भण्डारा लगाया गया। भण्डारे में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
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