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राजस्थान (Rajasthan) में एक बार फिर से हुई ममता शर्मसार,आखिर क्यों छोड़ दिया जाता नवजात मासूम को,आठ साल की बच्ची ने बचाई जान

राजस्थान के प्रतापगढ़ में मिला भ्रूण, माँ की ममता हुई शर्मसार
राजस्थान प्रतापगढ़ में माँ की ममता हुई शर्मसार,मिला जिन्दा भ्रूण

Rajasthan के प्रतापगढ़ में लगातार घट रही घटनाएँ
ममता को शर्मसार कर देने वाली घटना आई सामने 


दिलीप सेन की रिपोट @प्रतापगढ़ 

मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला एक बार फिर हुवा एक माँ ने अपने मासूम को सड़क किनारे छोड़ दिया अगर थोड़ी देरी हो जाती तो जानवर उस मासूम को नौंच खाते। सालमगढ़ थाना क्षेत्र के रायपुर गांव में मंगलवार को 8 साल की बच्ची ने नवजात को सड़क किनारे पड़े देखा, जिसके बाद वह तुरंत अपने परिजनों को बुला लाई जिससे उसकी जान बच गई। हालांकि उसको जन्म देने वाली मां ने तो उसे मरने के लिए ही छोड़ा था। पुलिस ने नवजात को प्रतापगढ़ पहुंचाया जहां से उसे उदयपुर रैफर कर दिया है। 

अरनोद उपखंड के सालमगढ़ थाना क्षेत्र में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया। सालमगढ़ के रायपुर गांव में 8 वर्षीय बालिका सुबह करीब 7 बजे घर से निकली थी। गली  पर सड़क किनारे उसने एक नवजात को पड़ा देखा। कुछ ही दूरी पर कुते भी घूमते दिखे। कुते नवजात के पास पहुंचते इससे पूर्व ही बालिका ने उन्हें दूर भगा दिया। बालिका ने इसकी सूचना अपने परिजनाें को दी। कुछ ही देर में वहां लोगों का मजमा लग गया।    

 नवजात को  पहुंचाया अस्पताल

 सूचना मिलते ही सालमगढ़ थानाधिकारी रतन सिंह चौहान मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। पुलिस नवजात को दलोट अस्पताल पहुंचाया। थानाधिकारी ने बताया कि चिकित्सकों ने नवजात को 9 माह की परिपक्व बालिका व स्वस्थ बताया है। उसका वजन भी ढाई किलो है। प्रारंभिक उपचार के बाद उसे प्रतापगढ़ रैफर किया गया। जहां उसने पालना गृह में रखा गया। यहां से भी नवजात को उदयपुर रैफर कर दिया गया। 

पुलिस लगी  महिला को ढूढने में 

थानाधिकारी रतन सिंह ने बताया कि पुलिस ने अज्ञात महिला के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस रायपुर, दलोट, सालमगढ़ में अस्पतालों से गर्भवती महिलाओं के बारे में भी जानकारी ले रही है। एसएचओ ने बताया कि चिकित्सकों ने घर पर डिलेवरी होना बताया

Rajasthan में लगातार घट रही घटनाओं ने माँ की ममता को तो शर्मसार किया ही हैं साथ इंसानियत की सारी हद्दे भी पार कर दी हैं हर रोज घट रही घटनाओं ने सोचने पर मजबूर कर दिया हैं ।

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