Advertisement

Advertisement

यहाँ शव के साथ जिन्दा लोगो को भी किया जाता हैं मोर्चरी में कैद,आदिवासी दम्पत्ती को बेटे की लाश के साथ तीन घंटे मुर्दाघर में किया कैद


जिला अस्पताल के हाल

यहा शव के साथ जिन्दे को भी रखते मोर्चरी में

दिलीप सेन की रिपोट


प्रतापगढ़ । जिला अस्पताल के हालात दिन बे दिन बिगड़ते जा रहे हे जी हा जिला अस्पताल में  एक गरीब आदिवासी दम्पत्ती को बेटे की लाश के साथ तीन घंटे तक मुर्दाघर में कैद रखने के मामले सामने आया  पता लगने पर आनन फानन में अस्पताल प्रशासन ने गंभीरता से लेते ही,चिकित्साधिकारी ने मामले में मोर्चरी कर्मचारी की लापरवाही को शर्मनाक मानते हुए जांच के आदेश दिए है 


जिला चिकित्सालय के मुर्दाघर  में एक आदिवासी दम्पत्ती रात में तीन घंटे तक अपने बेटे की लाश के साथ कैद रहा ,सुबह होने पर उच्चाधिकारियो को जब इस बात की जानकारी मिली तो आनन फानन में मोर्चरी का ताला खुलवाया गया और दम्पत्ती को बाहर निकाला गया चुंकी मामला आदिवासी समुदाय से जुड़ा हुआ था इसलिए अस्पताल प्रशासन हरकत में आया

 कर्मचारी की लापरवाही मानते हुए जांच के आदेश दिए है इस मामले में एक कमेंटी का गठन भी कर दिया गया है मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राधेश्याम कच्छावा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्मचारी से घटनाक्रम की जानकारी और स्पष्टीकरण माँगा है ,अधिकारियों का कहना है की किसी भी ज़िंदा  व्यक्ति को इस तरह कैद नहीं किया जा सकता है

 यदी दम्पत्ती शव को वहां नहीं रख रहे थे तो उसे संबंधीत स्टाफ और चिकित्सक को इसकी जानकारी देनी थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया दरअसल पिपलखूंट  थाना क्षेत्र के हरो गाँव रहने वाले रमेश मीणा का दस साल का बेटा छोटू शनिवार को गाँव में ही खेल रहा था ,खेल खेल में वह एक पेड़ पर चढ़ा और गिर गया ,घायलावस्था में उसके माँ बाप ने उसको लाकर जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया ,रात को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी

 तो डॉक्टरो ने रात को शव को पोस्ट मार्टम के लिए मोर्चरी में भिजवा दिया ,शव को लेकर रमेश मीणा और उसकी पत्नी रकमी चपरासी के साथ रात चार बजे मोर्चरी में चले गए ,यहाँ पर चपरासी रामप्रसाद ने  इस आदिवासी दंपत्ति से  बच्चे  की लाश को रखने के लिए कहा लेकिन बच्चे की माँ ने लाश को वहाँ पर छोडने से इनकार कर दिया 


इस पर चपरासी ने दंपत्ति को अंदर बंद कर बाहर से ताला लगा दिया सुबह इस बात का पता अस्पताल प्रशसन को चला तो सात बजे आनन् फानन में मोर्चरी का ताला खुलवा कर दंपत्ति को बाहर निकाला गया और शव को बिना पोस्ट मार्टम किये ही परिजनों को सुपुर्द कर रवाना कर दिया गया

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement