घमुड़वाली थाने का SHO बदला पर हालात नही...!!!



बींझबायला विनोद सोखल की रिपोर्ट


कावत के अनुशार  तुबे की बेल को तुबा ही लगता है मतीरा नही उसी तरह ये कावत घमुड़वाली थाने पर स्टीक बैठती है क्योकि कुछ अरशो पहले कि बात की दैनिक सिमांत रक्षक ने एक समाचार का प्रकाशन किया था उस मे हेडलाईन भी सुरखीया बनी थी जिस की हेडलाईन थी कि  मंथ्ली के चक्कर मे बिका घमुड़वाली थाना जिसकी चर्चा भी काफी दिन रही उस के चंद दिन बाद समाचार प्रकाशन करने वाले पत्रकार पर हमला भी करवा दिया गया था जिसने हमला करवाया था

 उस का भी पता चल चुका था उसके बाद थाने बुलाकर राजीनाम  भी करवा दिया था और उस वक्त साफ शब्दो  मे कहा गया था कि पत्रकार झुठे समाचार प्रकाशन करता है कुछ लोगो ने पत्रकार को गलत ठहराया था कुछ दिनो बाद जब ACB की टिम ने थाने दार पर कार्यवाई की तब सभी कि निंद उड़ गई  उसके बाद जिन लोगो ने पत्रकार का विरोध किया वो लोग गर्दन उठाकर नही चल सकते 

अब एक बार फिर उसी कर कमलो पर चलने वाले हमारे नए थाना प्रभारी ने क्षैत्र के तमाम जगहो पर जुआ सट्टा खुले आम चलाने की अनूमती पर्दान कर दि है हम आप को बतादे की बींझबायला मण्डी करीब आठ सट्टे की दुकाने चल रही है जिसमे प्रतीदिन लाखो का सट्टा लगता है और तो आौर इन लोगो कि पुलिस के साथ मिली भगत होने से इन लोगो ने सरेआम पर्ची सट्टे का ठेला लगा रखा है जब हमारी टिम ने स्टींग किया तो हमे भी लगा कि याहा तो स्टींग कि जरुरत ही नही याहा तो खुले आम पर्ची सट्टा चलता है

 जब हम ने एक दुकानदार से इस बारे पुछा तो उस ने कहा आप फोटो चाहे लेलो पर हमारी फोटो नही आनी चाहीए पर्चे की फोटो लगा लो अब साफ जाहीर होता है की इन सटोरियो कि पुलिस के साथ मिली भगत तो है अगर नही तो इन पर क्यू नही होती कार्यवाई जब किसी जब कोई पुलिस को इन कि शिकायत करता है तो

 पुलिस इन लोगो पर नाम मात्र की कार्यवाई करके अपनी पिठ थपथपाती है और जनता कि नजर मे आने के लिए मात्र नाम मात्र कार्यवाई करती है पुलिस हमेशा जनता को मुर्ख बनाती रहती है पर इन को कोन बताए की अब इकीशमी  शदी है जनता इतनी मुर्ख नही हा जितनी आप लोग समंझ रहे हो पुलिस ने पिछले दो दिन पहले मात्र हजार रुपये का पर्ची सट्टा पकड़ कर दो लोगो पर कार्यवाई की है जहा लाखो का सट्टा लगता हो वहा मात्र पॉच चार सौ रुपये पर कार्यवाई करने पर पुलिस पर एक बार फिर सवालिया निशान उठता है 


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