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लालू को सजा पर रघुवंश बोले- CBI का दुरुपयोग किया गया, नीतीश बोले- हमारा कोई लेना-देना नहीं

चारा घोटाला के तीसरे मामले में सीबीआई कोर्ट द्वारा लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाए जाने के बाद राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह अपना आपा खो बैठे और सार्वजनिक रूप से अपने गुस्से का इजहार किया। रघुवंश प्रसाद ने कहा कि देश और बिहार की जनता की आखों से पर्दा हट चुका है और वह जान गई है कि कैसे सीबीआई ने राजनीतिक कारणों से लालू प्रसाद को फंसाया है। उन्होंने कहा कि ट्रेजरी से पैसे निकाले जा रहे थे तो मुख्यमंत्री कैसे दोषी हो गए। 



रघुवंश प्रसाद ने कहा कि इससे पहले लालू प्रसाद को कई  मामलों में सजा हुई है और उन फैसलों के खिलाफ ऊपरी अदालत में मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव को फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्णय से उन्हें निराशा हुई है लेकिन वे लोग हताश नहीं हुए हैं। रघुवंश प्रसाद ने उम्मीद जताई कि वे लोग सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऊपरी कोर्ट जाएंगे और जहां लालू प्रसाद को न्याय जरूर मिलेगा। रघुवंश प्रसाद ने कहा कि लालू प्रसाद यादव जननेता हैं और जनता के दिलों में बसते हैं। उनके खिलाफ कोई कितनी भी साजिश क्यों न कर ले लालू प्रसाद जरूर बरी होंगे। 




रांची स्थित सीबीआई स्पेशल कोर्ट परिसर में रघुवंश प्रसाद मीडियाकर्मियों से रू-ब-रू थे। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पीएम मोदी की सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम को सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों के सवालों का जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानूनी लड़ाई कोर्ट में लड़ी जाएगी और राजनीतिक लड़ाई जनता की अदालत में लड़ेंगे। इस मौके पर रघुवंश प्रसाद ने राष्ट्रकवि दिनकर की एक कविता के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता 'हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा’ भी सुनाई।' 




'सीबीआई का दुरुपयोग होता है'

रघुवंश प्रसाद ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग सीबीआई का अपनी मर्जी से इस्तेमाल करते हैं। यह दावा उन्होंने दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की किताबों के हवाले से किया। उन्होंने कर्नाटक के आईपीएस दुरई और हरियाणा के आईपीएस बीआर लाल की किताबों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि दोनों किताबों में यह साफ तौर पर लिखा है कि सीबीआई राजनीतिक आकाओं के इशारे पर किसी को फंसाती है। 



हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू को सजा के ऐलान पर कहा है कि, हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है। यह एक न्यायिक फैसला है। हम इस पर प्रतिक्रिया नहीं देंगे, लेकिन हम अपने न्याय और विकास के एजेंडे से समझौता नहीं करेंगे। 

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