श्रीगंगानगर। पूर्व विधायक सुरेन्द्र राठौड़ की ठकुराई उनके मरने के बाद भी कायम रही। हालांकि जो कुछ हुआ उससे एक नई परंपरा की शुरुआत होगी, इसके बावजूद राठौड़ समर्थकों ने किसी की नहीं सुनी। सुरेन्द्र राठौड़ की चिता उनके राजनीतिक गुरु प्रो केदार की समाधि के पूर्व मेँ बनाई गई। जबकि अंतिम संस्कार के लिए अलग से चबूतरों की व्यवस्था है श्मशान भूमि मेँ। जैसे ही उनके समर्थकों ने जमीन पर गोबर की लिपाई शुरू की, श्मशान भूमि के पदाधिकारी हनुमान गोयल ने उनका समझाया। उनका तर्क था कि कल को किसी दूसरे प्रभावशाली व्यक्ति के निधन पर उसके परिजन/समर्थक भी केदार की समाधि के साथ साथ संस्कार करेंगे तो कोई रोक नहीं सकेगा। हनुमान गोयल ने अलग अलग व्यक्तियों से इस बारे मेँ कहा। लेकिन तब तक चिता के लिए लकड़ी लगाई जा चुकी थी। इस लिए कोई कुछ भी नहीं कर सका। और सुरेन्द्र सिंह राठौड़ की पार्थिव देह का संस्कार प्रो केदार की समाधि के पास ही कर दिया गया। कुछ लोगों का कहना था कि इस स्थित से बचाव के लिए श्मशान भूमि को पहले से तैयार रहना चाहिए था।
इससे पूर्व सुरेन्द्र राठौड़ एक पार्थिव देह की अंतिम यात्रा उनके निवास से सुबह 11-50 बजे शुरू हुई। जो एक बजे के बाद श्मशान भूमि पहुंची। घर पर बड़ी संख्या मेँ विभिन्न संगठनों से जुड़े व्यक्तियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके समर्थकों ने सुरेन्द्र राठौड़ अमर रहे, गंगानगर का एक ही सिंह, सुरेन्द्र सिंह, सुरेन्द्र सिंह, जब तक सूरज चांद रहेगा, सुरेन्द्र तेरा नाम रहेगा, के नारे लगाए। उनके घर के आस पास की गलियों मेँ गाड़ियों की रेलम पेल थी। बाहर काफी भीड़। बड़ी संख्या मेँ नागरिक श्मशान घाट भी पहुंचे हुये थे।
पूर्व हो चुके जन प्रतिनिधि तो काफी थे, वर्तमान वालों मेँ केवल संजय महिपाल ही दिखाई दिये। महेश पेड़ीवाल और संजय मूंदड़ा कहीं नजर नहीं आए। बहुत से लोगों ने एक दूसरे से महेश पेड़ीवाल और संजय मूंदड़ा के बारे मेँ पूछा भी, लेकिन यही जवाब मिला कि वे तो दिखाई नहीं दे रहे। कई सालों से जनता से बनी हुई दूरी के बावजूद सुरेन्द्र राठौड़ के संस्कार मेँ भीड़ ठीक ठाक थी। अधिकांश वे थे जो सुरेन्द्र सिंह राठौड़ से पुराने जुड़े हुए थे। बीजेपी के कुछ नए नेता भी नजर आए। सुरेन्द्र राठौड़ से संबन्धित और खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें- अब कभी नहीं बोलेगा केदार का चेला! और सुरेन्द्र सिंहराठौड़ का निधन
बी डी अग्रवाल आज बताएँगे
मेडिकल कॉलेज निर्माण का सच
श्रीगंगानगर। विधानसभा चुनाव से लगभग दस माह पहले एक बार फिर जमींदारा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और 5 साल पहले अपने पैसे से मेडिकल कॉलेज का निर्माण करवाने की घोषणा करने वाले सेठ बी डी अग्रवाल आज सुबह प्रेस कोंफ्रेस करेंगे। उनकी ओर से उनके मीडिया प्रभारी कमल अरोड़ा की ओर से दिये गए लिखित इन्विटेशन के अनुसार इस प्रेस वार्ता मेँ बी.डी.
स्टेशन रोड पर बड़ा झगड़ा, पुलिस कर्मी घायल
डोगर असीजा ने खुद को अंदर बंद किया
श्रीगंगानगर। स्टेशन रोड पर गुरुद्वारा सिंह सभा के निकट दिन छिपने के बाद हुए आपसी झगड़े मेँ एक पुलिस कर्मी सहित दो जनों के काफी चोट लगी है। झगड़े के बाद एक दुकानदार ने खुद को अंदर बंद कर लिया। पुलिस उसे निकालने की कोशिश मेँ है। आस पास की दुकानें बंद हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पंजाबी लाउडस्पीकर वाले डोगर असीजा का अपने सामने स्थित जूते वाले दुकान मालिक से झगड़ा हो गया। उसके बाद तो दोनों ओर से जो मार पीट हुई, सब लोग
राजनीतिक चतुराई का इस्तेमाल कर
वकीलों को गोली दे आए संजय महिपाल
श्रीगंगानगर। यूआईटी चेयरमेन संजय महिपाल केंद्रीय बजट मेँ प्रस्ताव शामिल करवाने के नाम पर टैक्स बार के वकीलों को गोली दे आए। केंद्रीय बजट एक फरवरी को आना है और संजय महिपाल टैक्स बार द्वारा जो प्रस्ताव दिये जाएंगे, उसे अब भेजेंगे। अभी तक टैक्स बार ने प्रस्ताव दिये नहीं है। एक आम आदमी भी ये बात जानता है कि बजट अब तक अंतिम रूप ले चुका होगा। कल तक संजय महिपाल को टैक्स बार से प्रस्ताव मिलेंगे। उसके बाद वे अपने कवरिंग लैटर के साथ उनक
दुर्गा मंदिर क्षेत्र मेँ लड़कों का उधम
कई बाइक्स को पहुंचाया नुकसान
श्रीगंगानगर। दुर्गा मंदिर से लेकर विनोबा बस्ती मेँ स्थित गुरुद्वारे तक हर रोज पुलिस वाले तैनात रहते हैं, इसके बावजूद कुछ ना कुछ होता ही रहता है। हां ये जरूर है कि उसमें से अधिकांश मामले पुलिस तक पहुँचते ही नहीं। आज रात को भी ऐसा ही हुआ। मौके पर भीड़ जमा हो गई। पुलिस को पहले तमाशा देखने वालों को हटाना पड़ा। पता चला है कि रात लगभग साढ़े आठ बजे के आस पास मनोज स्टेशनर्स के इधर उधर बड़ी संख्या मेँ लड़कों के झुंड खड़े थे। इस क्षेत्र मेँ
श्रीयादे माता मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव 18 से
श्रीगंगानगर। राणा प्रताप कॉलोनी स्थित श्री गोवर्धनराम छापरवाल कुम्हार शिक्षण संस्थान में स्थापित श्रीयादे माता मंदिर में भव्य मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव 18 से 20 जनवरी तक बड़े ही धूमधाम से मनाया जायेगा। जिसकी तैयारियों का जायजा कुम्हार समाज के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा नेता प्रहलादराय टाक, मॉं श्रीयादे मंदिर समिति के संयोजक प्रभुदयाल डाल, जिला प्रगतिशील कुम्हार समिति के अध्यक्ष सुभाष माहर व मंदिर समिति अध्यक्ष फूलचंद छापरवाल सहित अनेक पदाधिकारि
कामिनी को कांग्रेस टिकट मिली तो
मदद करूंगा-ज्योति कांडा
श्रीगंगानगर। वर्तमान विधायक कामिनी जिंदल फ्लॉप विधायक हैं और यूआईटी के वर्तमान चेयरमेन के कार्यकाल को दो जीरो के अलावा और कोई नंबर नहीं दिया जा सकता। ये आंकलन है कांग्रेस नेता और यूआईटी के पूर्व चेयरमेन ज्योति कांडा का। वे आज रात फेसबुक पर गो गो लाइव मेँ पत्रकार गोविंद गोयल तथा शो को देख रही जनता के सवालों का जवाब दे रहे थे। श्री कांडा ने कहा कि विधायक के रूप मेँ कामिनी जी को जो काम करने चाहिए थे, उन्होने वे नहीं किए। वे सत्ता के साथ
मरने के बाद भी कायम रही ठकुराई
श्रीगंगानगर। पूर्व विधायक सुरेन्द्र राठौड़ की ठकुराई उनके मरने के बाद भी कायम रही। हालांकि जो कुछ हुआ उससे एक नई परंपरा की शुरुआत होगी, इसके बावजूद राठौड़ समर्थकों ने किसी की नहीं सुनी। सुरेन्द्र राठौड़ की चिता उनके राजनीतिक गुरु प्रो केदार की समाधि के पूर्व मेँ बनाई गई। जबकि अंतिम संस्कार के लिए अलग से चबूतरों की व्यवस्था है श्मशान भूमि मेँ। जैसे ही उनके समर्थकों ने जमीन पर गोबर की लिपाई शुरू की, श्मशान भूमि के पदाधिकारी हनुमान गोयल ने उनका समझाया। उनका तर्क था कि
अब कभी नहीं बोलेगा केदार का चेला!
गोविंद गोयल
श्रीगंगानगर। ‘केदार का चेला बोलेगा, पूरा पूरा तोलेगा’ इस नारे का अब कोई मतलब नहीं रहा। खामोश हो गया प्रो केदार का चेला। इस बेमिसाल, बिंदास, बेखौफ बंदे को किसी इंसान ने खामोश नहीं किया। कोई इंसान उसे खामोश कर ही नहीं सकता था। उसे तो खामोश किया उस मौत ने, जिसने किसी का कोई लिहाज नहीं किया। उस मौत ने, जो जिस किसी को मिलती है, उसे अपने सौंदर्य के पाश मेँ बांध कर ले जाती है उस लोक मेँ, जिसे आज तक किसी जीवित इंसान ने देखा ही नहीं। सुरेन्द्र राठौड़ को भी
राजनीतिक क्षेत्र मेँ दबदबा बढ़ाने के लिए कुछ दर्जन अग्रवालों ने किया चिंतन
श्रीगंगानगर। राष्ट्रीय, प्रादेशिक और स्थानीय स्तर पर राजनीतिक व सामाजिक रूप से अग्रवाल समाज का दबदबा बढ़ाने के लिए अपेक्षित प्रयासों पर शनिवार को श्रीगंगानगर में हनुमानगढ़ रोड स्थित अग्रवाल ट्रस्ट भवन में गहन चिंतन-मंथन हुआ। इस चिंतन मेँ लगभग सौ अग्रवाल शामिल हुए। इनमें से भी आधे बाहर से आए थे। अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपालशरण गर्ग के नेतृत्व में अनेक व्यक्तियों ने अपने विचार व सुझाव रखे। इस दौरा
सुरेन्द्र सिंह राठौड़ का निधन
श्रीगंगानगर। दबंग राजनीतिक और पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह राठौड़ का आज सुबह जयपुर मेँ निधन हो गया। जयपुर मेँ उनका इलाज चल रहा था। विभिन्न सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उनके पार्थिव देह को गंगानगर लाया जा रहा है। अंतिम संस्कार कल सोमवार को होगा। अपनी खास शैली और दबंगता के लिए जाने जाने वाले सुरेन्द्र सिंह राठौड़ कई बार सरपंच भी रहे। गंगानगर पंचायत समिति का प्रधान बनने के बाद वे प्रधान जी के नाम से जाने पहचाने जाने लगे। 27 मार्च 1993 को प्रो केदार शर्मा के निधन के
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