Advertisement

Advertisement

श्रीगंगानगर:- शर्मनाक!बच्चे स्कूल से पहले पहुंचते सट्टे की दुकान पर-पालिकाध्यक्ष

Demo photo

बड़ी शर्म आती है बच्चे स्कूल जाने से पहले सट्टे की दुकानों पर खड़े सट्टे की खबरे पूछते है :- पालिकाध्यक्ष

पर्देसे बाहर हुआ पर्ची सट्टा 
केसरीसिंहपुर(गुरविंद्र बराड़) जिला स्तर पर अवैध कार्यों में अंकुश लगाने मैं प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली स्थानीय पुलिस का अपना क्षेत्र इन दिनों अपराधों का गढ़ बनकर रह गया है।
यहा सामाजिक बुराई कहे जाने वाले अवैध कार्यो ने अपनी जड़ें जमा ली है।

पर्ची सट्टा, अवैध शराब की बिक्री, मेडिकेटिड नशा रूपी जहर के साथ साथ पंजाब से शुरू हुआ चिट्टे नशे ने भी पुलिस की कार्यवाही नही होने से कस्बे को अपना घर बना लिया है। पूर्व थानाधिकारी ने ऐसे अवैध कार्य करने वालो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की थी जिससे काला कारोबार करने वाले अपने गौरख घंधे बंद कर भूमि गत हो गए थे। लेकिन उनके स्थानांतरन के बाद पुलिस की लापरवाही के कारण मंडी क्षेत्र में फिर से अराजकता का माहौल बन कर रह गया है। आए दिन हो रही चोरियां से चोरो के हौसले बुलंद है । अपराधों पर पुलिस का लचीला रुख देख अब बाहर से ठग गिरोह सक्रिय भूमिका निभा क रोजाना लोगो के साथ ठगी मार कर राफुचक्र हो जाते है। 

पर्ची सट्टा
एक के नब्बे करने के चक्कर में कस्बे में कभी पुलिस के डर से लुक छुप कर लगने वाला पर्ची सट्टा वर्तमान में स्थानीय पुलिस की लापरवाही या सांठगांठ से बाजार में जगह जगह पर्ची सट्टे की दुकानें खुल गई है । यहा ग्राहको को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए आवाजे लगाकर सट्टे की पर्चीया दी जाती है। इतना ही नहीं कस्बे में ज्यादा दुकाने खुलने से अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए सट्टे बाजो ने ज्यादा सट्टा लगाने वाले लगाई वालो को गिफ्टे तक देनी शुरू कर दी है।

स्थानीय पुलिस थाने से चंद कदम चलने पर ही पर्ची सट्टे की स्टाल शुरू हो जाती है । इनकी संख्या बड़ी आसानी से तीन अंको तक पहुँच जाती है।

धान मंडी,तहबाजारी,सुभाष मार्केट, बस स्टैंड क्षेत्र में सट्टे की दुकानें चल रही है । यहा कभी एक प्रकार के सट्टे की खाईवाली होती थी । लेकिन सट्टे का काला कारोबार करने वालो के लिए सुरक्षित बनी मंडी में वर्तमान में चार पांच प्रकार के सट्टे लगने शुरू हो गए है ।जिनमे गाज़ियाबाद, नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, आगरा,मेरठ आदि कई नामो से गरीबो को लूटा जा रहा है।पर्ची सट्टे की बात करे तो शायद ही मंडी कोई गली बची हो जिसमे पर्ची सट्टे की दुकान न खुली हो । 

कोई किरयाने की आड़ में तो कोई वैरायटी स्टोर की आड़े में इस काम में शरेआम पर्चियां काट रहा है । जिसमे इतना ही नहीं इन दुकानों पर अवैध तरीके से शराब पीने पिलाने का काम धड़ल्ले से चल रहा है । जिसमे खाखी के छोटे कारिंदे अपना महीना लेने के लिए आते देखे जा सकते।

सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार इन अवैध कारोबार को एक ही व्यक्ति चला रहा है। काली कमाई के गांवो को छोड़ कर मंडी की बात करे तो मंडी में तीन दर्जन दुकानो पर पर्ची सट्टे का काला कारोबार अपने यौवन पर है।इन सट्टे की दुकानों पर करीबन 10 लाख का एक दिन में गाज़ियाबाद, नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, सहित दो तीन और प्रकार का पर्ची पर्ची सट्टा लगाया जाता है।

इसके अलावा थाना क्षेत्र के मोहला,आरायण,धनूर में भी बडे बडे खाईवाल इस कार्य का संचालन कर रहे हैं । जिनकी सीधी तारे दिल्ली तक जुडी हुई है।

कौन फसता है इनके जाल में ।

दिन भर कड़ी मेहनत मजदूरी करने के बाद गरीब परिवार के लोग एक के नब्बे करने के लालच में सौ अंको के इस खेल में दाव लगा जाते है। जिसमे महिलाएं स्कूल जाने वाले देश का भविष्य छोटे छोटे बच्चे माँ बाप से किताबो के लिए मिलने वाले पैसे को इनके पास लूटकर चले जाते है। परन्तु कल तक जिन लोगो के पास साईकल तक नही हुआ करती थी वो खाईवाल आज लग्जरी गाड़ियो में घूम रहे है । एवं आलीशान मकानों में शाही जिंदगी का लुत्फ़ उठा रहे है । 

नशे का मकड़ जाल
कभी उत्तरी भारत में अंतर राष्ट्रीय सीमा पर बसा ये छोटा सा कस्बा व्यापार का प्रमुख केन्द्र रहा है । लेकिन वर्तमान समय में यह नशे का गढ़ बनकर रह गया है। पहले तो चोरी छुपे प्रतिबंधित मेडिकेटेड नशीली दवाओं की बक्री हुआ करती थी लेकिन वर्तमान समय में सब कुछ ही बदल सा गया है। मेडिकल नशे की जड़ों को काटने की बजाय लापरवाह प्रशाशन ने इसे बढाने का काम किया है। क्योकि वर्तमान समय में यहा पंजाब में चिट्टा नाम के नशे से बिकने वाला जहर युवाओं को यौवन की दहलीज पर पांव रखने से पहले ही अपनी जकड़ में जड़ने के लिए बड़े पैमाने पर पैर पसार चूका है। सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार इस नशे में पैसे वाले परिवारों के बच्चों को इसका आदि बनाया जा रहा है ।

। 
विगत 8 माह में नकबजनी ठग्गी चोरी सहित एक दर्जन वारदाते हो चुकी है । इनमें मिनी बैंक चोरी की भी बड़ी घटना शामिल है । जिनमे से एक दो को छोड़ कर किसी का भी खुलासा नहीं हो पाया । इस पर भी लोगो ने कुछ सुराग दिए लेकिन अभी भी ये मामले अनसुलझे मुह चिड़ा रहे है । ठग्गी की वारदात लाखो तक पहुँच गई । चोरी में भी लाखों का माल पार किया जा चुका है । पीड़ित परिजन पीछे पीछे घूम रहे है । नकबजनी की वारदात में पीड़ित को ही गाडी सहित अन्य सामान उपलब्ध करवाने की बात कह दी गई । इससे उनका कार्यवाही से विशवास उठने लगा है । 


एक मंच के माध्यम से चिंता व्यक्त करते हुए बोले "बड़ी शर्म आती है जब स्कूल जाने से पहले छोटे छोटे बच्चे सट्टे की खबर पूछते है और वापसी में होमवर्क करने की बजाय सट्टे के अंको का जुग्गड़ करने लग जाते है" - कालूराम बाजीगर
पालिका अध्यक्षकेसरीसिंहपुर

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement