जयपुर। भारत सरकार की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना अधिनियम लागू करने में राजस्थान की अव्वल स्थिति रही है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना गरीब परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत परित्यक्ता, गरीब, विकलांग, असहाय, वृद्धजन आदि को सस्ती दर पर गेहूं मुहैया करवाकर सरकार ने वास्तविक रूप में पात्र एवं जरूरतमंद को खाद्य सुरक्षा प्रदान की है।
टोंक जिले की देवली तहसील के गॉव तितरिया निवासी 65 वर्षीय श्रीमती पप्पूडी देवी पत्नी रामस्वरूप गवारिया के पास न तो जमीन थी, न ही रोजगार का कोई दूसरा साधन था, ऎसे में जब तक शरीर ने साथ दिया, तब तक तो रोटी के जुगाड़ हेतु मजदूरी की, लेकिन उम्रदराज होने पर पप्पूडी देवी की परेशानी बढ़ती गई। अब दो वक्त की रोटी जुटाना भी उसके लिए मुश्किल हो गया था और वह पूरी तरह टूट चुकी थी क्योंकि अब पेट भरने के भी लाले पड़ गये थे।
बस यहीं से पप्पूडी देवी का जीवन यापन करना मुश्किल हो गया था। आखिरकार एक दिन पप्पूडी गवारिया ने स्थानीय सरपंच को अपनी व्यथा बताई। सरपंच ने उसकी पीड़ा को समझते हुए हाथों-हाथ ग्राम सचिव को नियमानुसार राशनकार्ड बनाने को कहा। उसने इस संबंंध में अपना आवेदन प्रस्तुत करवाया। सचिव ने राशनकार्ड बनाने हेतु आवश्यक दस्तावेज मंगवाकर पप्पूडी गवारिया को “अन्त्योदय अन्न योजना“ का राशनकार्ड जारी कर दिया। राशनकार्ड पाकर फूली देवी गद्गद् हो गई। तत्पश्चात् पप्पूडी देवी को जब 35 किग्रा गेहूं, चीनी एवं केरोसीन मिला तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और खुशी के मारे उसकी आंखे छलक उठी।
ऎसा नहीं है कि इस गांव में अन्त्योदय अन्न योजना की सुविधा प्राप्त करने वाली अकेली पप्पूडी गवारिया है बल्कि रामलाल पुत्र बालूराम गुर्जर, तितरिया पंचायत के थली गांव के विकलांग प्रधान पुत्र लादूलाल कुमावत को भी सुकून से दो वक्त की रोटी के लिए गेहूं मिल रहा है। इन सभी ने सरकार की इस योजना की प्रंशसा करते हुए कृतज्ञता प्रकट की है। तितरिया गांव के उचित मूल्य दुकानदार श्री बिरधीचंद सिंघल ने बताया कि पोस मशीन से राशन सामग्री के ट्रांजेक्शन में कोई परेशानी नहीं है क्योंकि वह पोस मशीन सुचारू रूप से चलाने के लिए दो कंपनियों की सिम रखता है। इस प्रकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना राजस्थान में गरीब परिवारों के लिए सच में वरदान साबित हो रही है।
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