चारणवासी।(जयलाल वर्मा) राज्य सरकार खेलों के प्रोत्साहन की हर साल अनेक घोषणाएं करती हैं। लेकिन ये सब ग्रामिण क्षेत्र की प्रतिभाओं के पास पहुंचने की बजाय कागजों में ही दफन होकर रह जाती हैं। किसी गांव खेल मैदान नही, अगर हैं तो लोगों ने अतिक्रमण कर रखा हैं तो कहीं शारीरिक शिक्षक नहीं हैं। कमोबेश यही हाल गांव चारणवासी के खेल मैदान का हैं।
गांव से बहार खेल मैदान के नाम चार बीघा भूमी आरक्षित हैं। जहां गांव के खिलाड़ी खेल कर मनोरजन करते हैं। हर साल कई दिन तक किक्रेट प्रतियोगिता भी चलती हैं। लेकिन ग्राम पंचायत की उदासीनता के चलते खेल मैदान पर गांव के भू-माफिया धीरे-धीरे अतिक्रमण कर रहे हैं।
जिसे मैदान दिन-ब-दिन संकरा होता जा रहा हैं। अगर यह अतिक्रमण करने का काम ऐसे ही जारी रहा तो यह खैल मैदान लुप्त हो जाऐगंा। और गांव के खिलाडिय़ों को खैलने की जगह नहीं मिलेगी। ग्रामिण जनप्रतिनिधियों से वर्षो से खैल मैदान की चारदीवारी का निर्माण करवाने की मांग कर रहे हैं। ताकि यह खेल मैदान सुरक्षित रह सके।
चारों तरफ अतिक्रमण:
वर्तमान में चारों तरफ के खेत मालिकों ने खैल मैदान की भूमी की थोडी-थोडी जगह चारों और से दबा ली हैं। और धीरे-धीरे खेल मैदान की जगह को अपनी कृषी भूमि मिला रहे हैं। इसके अलावा गांव के कई लोगों ने दस में बंछटी,तूडी व कूडा-करक्ट डाल रखा हैं। ग्रामिणों ने पंचायत प्रशासन से चार बीघा भूमी की निशान देही पैमाइश करवा कर अतिक्रमण हटवाकर चार दीवारी का निर्माण करवाने की मांग की हैं।
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