अब 28 फरवरी तक मिल सकेगा भुगतान
हनुमानगढ़। राज्य सरकार द्वारा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से चलाई जा रही मुख्यमंत्री शुभलक्ष्मी योजना की बकाया राशि 28 फरवरी तक मिल सकेगी। इसके बाद इस योजना में बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा। मुख्यमं़त्री शुभलक्ष्मी योजना में परिवर्तन कर इसका नाम मुख्यमंत्री राजश्री योजना कर दिया गया है तथा बालिकाओं को अब इस योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है।
सीएमएचओ डॉ. अरूण कुमार ने बताया कि शुभलक्ष्मी योजना के तहत प्रथम किश्त के लाभार्थियों को राज्य सरकार की ओर से 28 फरवरी 2018 तक का अंतिम अवसर दिया जा रहा है। इस दौरान नियमानुसार आवेदन निवास स्थान के नजदीकी राजकीय चिकित्सा केंद्र पर किया जा रहा है। इसके बाद भी यदि कोई आवेदन नहीं आता है, तो सरकार की ओर से भुगतान नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आमजन से अपील के साथ ही विभागीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वंचित को लाभ मिले। वहीं आशाओं व एएनएम को निर्देशित किया गया है कि ऐसे वंचित लाभार्थियों को सूचित कर उन्हें किश्त लेने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि जिन बालिकाओं ने शुभलक्ष्मी योजना के तहत प्रथम किश्त ली थी, उन्हें दूसरा व तीसरा लाभ बालिका के एक वर्ष पर पूर्ण टीकाकरण एवं जीवित होने के प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर बालिका के निवास स्थान के स्थानीय राजकीय स्वास्थ्य केंद्र से दिया जा रहा है।
डीएनओ सुदेश जांगिड़ ने बताया कि वे परिवार जिनकी मुख्यमंत्री शुभलक्ष्मी योजना में राशि बकाया रह चुकी हैं, वे अपने नजदीकी चिकित्सा संस्थान में सम्पर्क कर राशि ले सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शुभलक्ष्मी योजना 30 मई 2016 से बंद कर दी गई थी और योजना में परिवर्तन कर मुख्यमंत्री राजश्री योजना के जरिए बालिकाओं को 50000 रूपए का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से बेटी जन्म को प्रोत्साहन देने के लिए मुख्यमंत्री राजश्री योजना के तहत राजकीय अथवा अधिस्वीकृत चिकित्सा संस्थान में जन्म लेने वाली बालिकाओं को जन्म पर 2500 रुपए और उसकी प्रथम वर्षगांठ पर पूर्ण टीकाकरण होने के बाद 2500 रुपए दिए जाते हैं। इसके बाद राजकीय विद्यालय में प्रथम कक्षा में प्रवेश लेने पर 4000 रुपए, राजकीय विद्यालय में कक्षा छह में प्रवेश लेने पर 5000 रुपए और 10 में प्रवेश लेने पर 11000 रुपए दिए जा रहे हैं। इसके बाद 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाली बालिकाओं को 25000 रुपए दिए जा रहे हैं। योजना का लाभ लेने के लिए हितग्राही का भामाशाह कार्ड होना अनिवार्य है।
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