पीलीबंगा सीएचसी में हुए 20 महिलाओं के सफल आॅपरेशन
हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ में पहली बार सरकारी चिकित्सा संस्थान में हाथ का आॅप्रेशन (मिनिलेप नसबंदी) नियत सेवा दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें 20 महिलाओं का सफल आॅपरेशन किए गए। अब तक यह आॅपरेशन केवल निजी अस्पतालों में ही किए जाते थे, लेकिन सरकारी चिकित्सा संस्थानों में यह नियत सेवा दिवस जिले में पहली बार पीलीबंगा सीएचसी में लगाया गया। इसमें बीकानेर के डाॅ. जसविन्द्र गिल ने आॅपरेशन किए।
एसीएमएचओ डाॅ. योगेन्द्र तनेजा ने बताया कि जिले के अनेक ऐसे परिवार थे, जिनके पूर्व में दो-दो बार सिजेरियन आॅपरेशन हुए थे या लेप्रोस्कोपिक पद्धति से नसबंदी आॅपरेशन असफल हो चुके थे। इसके अलावा कई परिवार अन्य कारणों से भी नसबंदी आॅपरेशन नहीं करवा पा रहे थे। सरकारी चिकित्सा संस्थानों में मिनिलेप नसबंदी सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इसके विपरीत निजी अस्पतालों में यह आॅपरेशन जरूरतमंद परिवारों के लिए काफी महंगा था।
निजी अस्पतालों में इस आॅपरेशन के लिए 10 से 15 हजार रूपए खर्चा आता था। डाॅ. तनेजा ने बताया कि कुछ ऐसे परिवार जो परिवार कल्याण के स्थाई साधन का इस्तेमाल के लिए तो राजी थे। उनके परिवार की महिला का लेप्रोस्कोपिक पद्धति से आॅपरेशन नहीं हो सकता था और उनके पति नसबंदी नहीं करवाना चाहते थे। ऐसी स्थिति में वे हाथ का आॅप्रेशन (मिनिलेप नसबंदी) ही एकमात्र विकल्प था।
उक्त स्थिति को देखते हुए जिला चिकित्सा प्रशासन ने पहली बार जिले के पीलीबंगा सीएचसी में 15 फरवरी गुरूवार को मिनिलेप नसबंदी नियत सेवा दिवस का आयोजन किया। इसमें 20 महिलाओं के सफल आॅपरेशन किए गए। नियत सेवा दिवस में बीकानेर के मोबाइल सर्जिकल यूनिट के डाॅ. जसविन्द्र गिल ने समस्त आॅपरेशन किए। उनके साथ सीएचसी संगरिया के मेल नर्स रामस्वरूप, रावतसर के डाॅ. महेन्द्र शर्मा तथा सीएचसी पीलीबंगा के डाॅ. मनोज अरोड़ा व स्टाॅफ ने व्यवस्थाएं सम्भाली। डाॅ. तनेजा ने बताया कि पहले बार लगे इस नियत सेवा दिवस की सफलता को देखते हुए अब बहुत जल्द संगरिया और भादरा में भी मिनिलेप नसबंदी नियत सेवा दिवस का आयोजन किया जाएगा।
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