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मायड़ भाषा विवाद:-सरकार से नाराज ताऊ शेखावाटी वापस लौटायेंगे अकादमी पुरस्कार

मारवाड़ रत्न देवकिशन राजपुरोहित,मेड़ता

मायड़ भाषा से बढ़कर मेरे लिए कुछ नहीं
हनुमानगढ़। 11 करोड़ लोगों की मायड़ भाषा राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए 70 सालों से जारी आंदोलन में एक नया पड़ाव आ गया जब सुप्रसिद्ध राजस्थानी हास्य-व्यंग्य कवि ताऊ शेखावाटी सरकार के रवैये से नाराज होकर साहित्य अकादमी से प्राप्त पुरस्कार वापस लौटाने की घोषणा की।
ताऊ शेखावाटी बोले कि मेरे लिए मायड़ भाषा राजस्थानी से बढ़कर कोई पुरस्कार नहीं है।मायड़ भाषा की मान्यता के लिए ऐसे सैंकड़ों पुरस्कार न्यौछावर कर सकता हूँ।

अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर आर-पार की लड़ाई में एक होकर सरकार से सीधी बात करें।मेरे कलेजे में हूक उठती है जब 11 करोड़ राजस्थानियों की भाषा को मान्यता नहीं है।कलेजे में लगी ये आग तभी शांत होगी जब मायड़ भाषा को मान्यता मिलेगी।

गौरतलब है कि वरिष्ठ राजस्थानी साहित्यकार मारवाड़ रत्न देवकिशन राजपुरोहित ने राजस्थानी भाषा को मान्यता को नहीं देने पर 19 मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर पर आमरण अनशन करने का निर्णय लिया है।
देवकिशन राजपुरोहित ने कहा कि अब एक ही काम होगा या तो मान्यता मिलेगी या फिर मेरी मौत होगी।मायड़ भाषा भख मांग रही है।मैं अपने प्राणों को मोह छोड़कर धरने पर बैठूंगा।
ताऊ शेखावाटी,शेखावाटी

मारवाड़ रत्न देवकिशन राजपुरोहित ने ताऊ शेखावाटी के इस कदम को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि मायड़ के सच्चे सपूत अब मान्यता लेकर ही मानेंगे।श्री पुरोहित स्वयं अपना पुरस्कार भी अकादमी को वापस लौटा रहे हैं।

राजस्थानी छात्र मोर्चे के हनुमानगढ़ संयोजक युवा कवि हरीश हैरी ने कहा कि दिल्ली धरने पर भी हजारों की संख्या में मायड़ भाषा प्रेमी पहुँच कर देवकिशन राजपुरोहित के साथ शामिल होंगे।हैरी ने कहा कि राजस्थान के हर एक नागरिक को मान्यता आंदोलन से जुड़ना चाहिए क्योंकि मान्यता न होने के कारण यहां के युवा योग्य होते हुए भी हर क्षेत्र में पिछड़ रहे हैं।

राजस्थानी छात्र मोर्चा के प्रदेश संयोजक गौरीशंकर निमिवाल ने कहा कि राजस्थान के बजट में राजस्थानी भाषा के लिए एक रूपया तक न देने वाली सरकार से अब कोई उम्मीद लगाना बेमानी होगी।चुनावी घोषणा पत्र में राजस्थानी भाषा के संवर्धन के लिए कही गई बातें अब तक केवल चुनावी जुमले ही साबित हुई हैं।

ये साहित्यकार लौटा रहे हैं राजस्थानी साहित्य अकादमी पुरस्कार:-
ताऊ शेखावाटी,शेखावाटी
मारवाड़ रत्न देवकिशन राजपुरोहित,मेड़ता

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