सांभरलेक (सुनील कुमावत) राजस्थान में पर्यटन के क्षेत्र में उभर रहे सांभरलेक में इन दिनों माहौल सांस्कृतिक बना हुआ है जहां एक और फिल्म की शूटिंग की तैयारी चल रही है तो वहीं दूसरी और झील के किनारे रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों से ओतप्रोत सांभर महोत्सव का भव्य आयोजन 23 से 25 फरवरी को किया जा रहा है। इस महोत्सव को लेकर स्थानीय लोगों के साथ ही कई रायों के लोग भी दिलचस्पी ले रहे है। झील में पहली बार ऐसा आयोजन होने जा रहा है जिसमें पर्यटकों को राजस्थान की संस्कृति के साथ ही सांभरलेक की ऐतिहासिक छटा भी देखने को मिलेगी। इस महोत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। आयोजकों ने रविवार को इस महोत्सव के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि अलग-अलग समय के लिए टिकट की व्यवस्था की गई है। सांभरलेक शहर सहित अन्य स्थानों पर टिकट काउंटर खोले गए है। साथ ही मुय मार्गों पर बैनर लगाए गए है जिससे लोगों को महोत्सव स्थल तक पहुंचने में आसानी रहे। इस संबंध में आयोजक गजेन्द्रसिंह शेखावत ने बताया कि इस महोत्सव में देश के कोने-कोने से लोग भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि खासकर जो सांभर प्रवासी है वह इस महोत्सव को लेकर उत्सुक है। इवेंट पार्टनर वाइबे्रट एंटरटेनमेंट की एमडी मीना गुप्ता ने बताया कि इस महोत्सव में सेलिब्रिटी के परफोरमेंस के साथ राजस्थानी नृत्य की विभिन्न शैलियां लोक नृत्य के रूप में देखने को मिलेगी। इस महोत्सव में पर्यटकों व दर्शकों के लिए मनोरंजन व राजस्थानी स्वाद चखने का मौका मिलेगा। यह आयोजन सांभर झील के किनारे शानदार अंदाज में होगा जो गुजरात के कछ रण महोत्सव की तरह नजर आएगा। आयोजन इवेंट पार्टनर वाइबे्रट एंटरटेनमेंट की एमडी मीना गुप्ता ने बताया कि इस महोत्सव में सेलिब्रिटी के परफोरमेंस के साथ राजस्थानी नृत्य की विभिन्न शैलियां लोक नृत्य के रूप में देखने को मिलेगी।
यह होगा आकर्षण का केन्द्र:
आयोजन से जुड़ी ललिता कुछल के अनुसार सांभर झील के किनारे बाइक व कार रैली का आयोजन किया जाएगा साथ ही झील पर पतंगबाजी का फेस्टिवल भी आयोजित किया जाएगा जो सैलानियों को खूब भाता है। साथ ही ऊंट सवारी, पैरागलाइडिंग, हॉट एयर बैलून, काइट फेस्ट सहित कई आयोजन होंगे। वहीं हैंडीक्राट व स्थानीय कलाकृतियों की भी स्टॉल लगाई जाएगी। जयपुर आर्ट समिट के फाउंडर शैलेन्द्र भट्ट भी इस उत्सव में देश-विदेश के कलाकारों की पेंटिँग एवं लाइव आर्ट का प्रदर्शन करेंगे। वहीं डेकोर पार्टनर संकल्प विधानी के अनुसार महोत्सव की थीम राजस्थानी रखी गई है।
सांभरझील बनती जा रही पर्यटकों की पहली पसंद:
ऐतिहासिक महत्व के साथ ही सांभरलेक झील भी लोगों के आकर्षण का केन्द्र है। आज भी देश-विदेश से लोग सांभरझील का प्राकृतिक दृश्यों का लुत्फ उठाने वर्षभर आते रहते है। इसके साथ ही सांभरलेक का धार्मिक व पौराणिक महत्व भी है। यहां सब तीर्थों की नानी देवयानी सरोवर है तो पास में ही शर्मिष्ठा सरोवर भी अपनी याति लिए हुए है। झील के बीच में दादूदयाल की छतरी है जहां सनसेट का दृश्य बड़ा ही मनोरम होता है। कस्बे के बीचोंबीच स्थित वाजा मईनुद्दीन चिश्ती के पोते हजरत हुसामुद्दीन चिश्ती की दरगाह तो वहीं करीब २५ किलोमीटर दूर झील के मध्य में शाकभरी माता का ऐतिहासिक मंदिर है जो श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है। अभी हाल में सांभरलेक में केन्द्र व राय सरकार की ओर से हैरिटेज को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन के क्षेत्र में काफी विकास कार्य कराए जा रहे है जिसके कारण सांभरलेक अब पर्यटन के मानचित्र में उभरने लगा है।
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