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शिक्षा:- स्कूलों में ये खोलना होगा अनिवार्य,नहीं तो मान्यता हो सकती है रद्द


बीकानेर(जयनारायण बिस्सा)। सीबीएसई से संबंद्ध स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली एनसीईआरटी किताबों की कमी के नाम पर चले रहे कमीशन और कालाबाजारी के खेल पर शिक्षा बोर्ड ने नकेल कसते हुए स्कूलों में टक शॉप को अनिवार्य किया है। स्कूलों में स्थापित इन छोटी दुकानों में बोर्ड छात्र संख्या के आधार पर तैयार मांग पत्र पर एनसीईआरटी किताब व अन्य स्टेशनरी उपलब्ध कराएगा। जानकारों के मुताबिक बोर्ड के इस महत्वपूर्ण कदम से काफी हद तक किताबों की कमी पूरी होगी और साथ में ही दूसरे प्रकाशन की किताबों पर मिल रहे कमीशन के खेल पर भी लगाम लगेगी।

दूसरे प्रकाशन पर कमीशन
स्कूल व बाजार में एनसीईआरटी की किताबें नहीं मिलने से अभिभावकों को काफी परेशानी होती है। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है। ऐसे में बच्चों को मजबूरन दूसरे प्रकाशन की किताबों को खरीदना पड़ता है। दुकानदार मनमुताबिक कमीशन मिलने के चक्कर में भी दूसरे प्रकाशन की किताबें बच्चों को पकड़ाते हैं।

मूल दर पर उपलब्ध
बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि सत्र 2018-19 से स्कूलों में टक शॉप अनिवार्य रूप से लागू किया जाए। इसके लिए सभी स्कूलों को पत्र लिखकर टक शॉप खोलने के निर्देश जारी किए हैं। स्कूलों को एनसीईआरटी की वेबसाइट पर पंजीयन कर विद्यार्थियों के अनुरूप किताबों की संख्या देनी होगी। किताबों के अलावा पेन-पेंसिल, रजिस्टर, कॉपी, रबर-शार्पनर जैसी सामग्री भी रख सकेंगे। स्कूलों को इन्हें मूल दर पर ही विद्यार्थियों को उपलब्ध कराना होगा। उचित मूल्य से ज्यादा दाम पर किताबें बेचने पर स्कूल पर कार्रवाई होगी।

जबरन नहीं थोपेंगे
सीबीएसई के निर्देश के बाद स्कूल में एनसीईआरटी के अलावा अन्य प्रकाशकों की किताबों उपलब्ध कराने पर रोक रहेगी। वहीं अगर किसी विद्यार्थी पर दूसरे प्रकाशक की किताब जबरन थोपी गई तो सीबीएसई, स्कूल की मान्यता रद्द कर सकता है। इसके लिए परिजन सीबीएसई, एनसीईआरटी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को शिकायत भेज सकेंगे।

बाहर से भी खरीद 
अभिभावक को किसी एक दुकान से किताबें खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे। अभिभावक चाहें तो स्कूल के अलावा बाजार से भी किताब खरीद सकते हैं।

नहीं चलेगी मनमानी 
निजी प्रकाशक और दुकानदारों की मनमानी का खेल भी खत्म हो जाएगा। दुकानदार अभिभावकों को एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की किताबों की कमी बताकर दूसरे प्रकाशकों की किताबों को अधिक मूल्य पर बेचकर मनमानी करते हैं। लेकिन सीबीएसई के इस आदेश के बाद दुकानदार ऐसा नहीं कर सकेंगे और विद्यार्थियों को उचित मूल्य पर किताब उपलब्ध हो सकेगी।

मान्यता पर संकट!
सीबीएसई ने स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और अपनी जरूरत के हिसाब से मांग पत्र पेश करने का आदेश दिया है। स्कूलों में खुलने वाली छोटी दुकान यानि टक शॉप से एनसीईआरटी की किताबें उपलब्ध हो सकेंगी। इसके लिए स्कूलों को एनसीईआरटी के पोर्टल पर पंजीयन कराने के अलावा किताबों की संख्या भी बतानी होगी। वहीं दूसरे प्रकाशक की किताब बेचने पर स्कूल की मान्यता निरस्त हो सकती है। सीबीएसई ने पिछले वर्ष एनसीईआरटी किताबों को लागू करने के लिए स्कूलों को निर्देश जारी किए थे।

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