रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,हनुमानगढ़। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माक्र्सवादी के सदस्यों ने सोमवार त्रिपुरा में कामरेड़ लेनिन, महात्मा गांधी, बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मूर्तियों को तोडातोड़े जाने के विरोध में जंक्शन स्थित भगत सिंह चोंक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया गया। पुतला दहन से पूर्व माकपा के तमाम कार्यकर्ता रेल्वे बाउण्ड्री जंक्शन से रैली के रूप में भगत सिंह चौक पर पहुंचे जहा पर हुई सभा को सम्बोधित करते हुए माकपा नेताओ ने कहा कि त्रिपुरा में भाजपा की जीत के बाद आरएसएस व भाजपा के लोगों ने रूस की क्रांति के महानायक व पुरी दुनिया के मजदूरों, किसानों व आम आदमी के प्रणेता कामरेड़ लेनिन की मूर्तियों को तोडा उसके बाद पुरे देश में मुर्तियों को तोडने का सिलसिला चल पड़ा लेकिन ना ही मोदी या मोदी सरकार का कोई मंत्री इसके खिलाफ बोला उल्टा कुछ भाजपा नेता लेनिन को विदेशी बताकर इस असामाजिक घटना को जायज बताने में लगे है।
वक्ताओं ने कहा कि सिर्फ मूर्तियों को तोडने की बात नही जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से बात तो मेक इन इण्डिया की करते है और देश को बनाने की बात करते है पर इन्होने हिन्दु व मुस्लिम के नाम पर देश को तोडने का काम किया है। वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार की जन विरोधी नितियों के चलते कर्जे में डूबा किसान आत्महत्या कर रहा है। नोटबंदी के बाद आर्थिकमंदी के चलते बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार चले गये है। मंहगाई की मार में आम आदमी पिस रहा है दलितों व अल्पसंख्यकों पर हमले लगातार बढे है। मोदी सरकार सिर्फ जुमलों की सरकार साबित हुई है।
पुंजीपति देश को लूटकर विदेशों में भाग रहे है ऐसे समय पर जरूरत है कि देश की तमाम जनवादी धर्मनिपेक्ष ताकतों को एक जुट होकर सांम्प्रदायिक फासिस्ट व सम्राज्ययवादी ताकतों को मुँह तोड जवाब देना होगा। सभा को कामरेड़ रामेश्वर वर्मा, मलकीत सिंह, बहादुर सिंह चौहान, आत्मा सिंह, शेर सिंह शाक्य, मनीराम, बलदेव मक्कासर, शिवा प्रधान, मेजर सिंह, बसंत सिंह, अरविन्द मुंशी, जगतार सिंह, नादर खां, हरजी वर्मा, सुखप्रीत सिंह, अमित कुमार, शोपत राम, धनश्याम आदि ने संबोधित किया।
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