श्रीगंगानगर, 10 अगस्त। सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री निहालचंद ने संसद में दवाईयों को टैक्स फ्री करने का मुद्दा उठाया।
निहालचंद ने संसद में बोलते हुए कहा कि मैं आपके माध्यम से केन्द्र सरकार का ध्यान दवाइयों पर लगने वाले टैक्स की ओर दिलाना चाहूंगा। इस समय देश में दवाइयों पर भारी भरकम टैक्स लग रहा है, जिससे दवाइयां महंगी हो गई है और आमजन की पहुंच से दूर हो रही है। इस समय दवाईयों पर 6 से लेकर 18 प्रतिशत तक टेक्स लगता है। हालांकि केन्द्र सरकार ने आमजन के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अनेक लाभकारी योजनाएं चला रखी है। जिसमें से प्रमुख रूप से राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्रा जन औषधी केन्द्र सहित अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। वही प्रधानमंत्रा जन औषधी केन्द्रों पर आमजन को सस्ती व अच्छी गुणवत्ता की दवाइयां भी दी जा रही है ।
उन्होंने बताया कि राजस्थान की राज्य सरकार द्वारा भी सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरिजों के लिए निःशुल्क दवा योजना चलाई जा रही है। इस वर्ष राज्य सरकार ने निःशुल्क दवा योजना के लिए 500 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है, साथ ही गरीब मरीजों की अनेक प्रकार की जांच भी निःशुल्क की जा रही है।
लेकिन आम जन व गरीब आज भी दवाइयां किसी न किसी कारण से बाजार से खरीद रहे हैं। ऐसे में कुछ परिवार तो किसी एक सदस्य के गंभीर बीमार होने पर दवाइयों का खर्च उठाते-उठाते बर्बाद हो जाते हैं। ऐसे में दवाइयों पर लगने वाले 6 से 18 प्रतिशत टैक्स को समाप्त कर दवाइयों को टैक्स फ्री कर दिया जाए तो आमजन को भारी राहत मिलेगी ।
केंद्र सरकार से आग्रह करूँगा कि देश के गरीब जनता को ध्यान में रखते हुये दवाइयों को जी.एस.टी. से बाहर रखा जाए।
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