Advertisement

Advertisement

वामपंथी दलों की 10 सितम्बर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल




लखनऊ। आज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य कार्यालय में वामपंथी दलों के पदाधिकारियों की एक बैठक सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता सीपीआई के राज्य सचिव डा. गिरीश ने की। बैठक में दस को होने वाली हड़ताल और प्रदर्शन पर चर्चा की गई । बैठक में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारती की कम्युनिस्ट पार्टी (माले), आल इंडिया फारवर्ड, एसयूसीआईसी तथा आरएसपी के नेता शामिल रहे। बैठक में कहा गया कि ये सरकार, आम जनता पर अभूतपूर्व आर्थिक बोझ लादती जा रही है. पेट्रोलियम उत्पादों की तेजी से बढ़ती कीमतों ने करोड़ों भारतीयों की आजीविका को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. किसान, जो पहले से ही गहराते कृषि संकट से कराह रहे थे, अपनी लागत कीमतों में अतिरिक्त वृद्धि का सामना करने जा रहे हैं. इस मूल्य वृद्धि का व्यापक रूप से मुद्रास्फीति की बढ़त पर असर पड़ने वाला है। यह स्थिति, नए रोजगार पैदा करने की बात तो छोड़ ही दीजिये, 
अर्थव्यवस्था में सुस्ती पैदा करने वाली है, जिससे रोजगार के अवसरों में कमी आ रही है। उधर, रुपये की कीमत में लगातार हो रही अभूतपूर्व गिरावट, मोदी सरकार द्वारा पैदा किये गए आर्थिक संकट को ही इंगित करती है. जनता पर ये आर्थिक हमले, मोदी सरकार द्वारा पहले से ही प्रायोजित साम्प्रदायिक एवम अधिनायकवादी शातिर हमलों के अतिरिक्त किये जा रहे हैं, जब पूरे देश में किसानों ने फसलों के लाभकारी मूल्य, तथा कर्जा माफी का मुद्दा उठाया था, जिनका कि वादा भी किया गया था, तो मोदी सरकार उन वादों से साफ तौरपर मुकर गयी. दूसरी ओर, इस सरकार ने पिछले चार वर्षों के दौरान, कोर्पोरेट जगत के लगभग चार लाख करोड़ रुपयों के कर्जों को माफ करने की दरियादिली दिखाई है। बैठक में ड. गिरीश के अतिरिक्त डा. हीरालाल यादव राज्य सचिव सीपीआईएम, का. प्रेमनाथ राय, का. अरविंद राज स्वरूप, फूलचंद यादव (सीपीआई), का. रमेश सिंह सेंगर (सीपीआई माले), डा. एस.पी.विश्वास (फारवर्ड ब्लाक), का.पुष्पेन्द्र सिंह (एसयूसीआईसी) आदि लोग उपस्थित रहे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement