(जी.एन.एस.) ता. 7 कानपुर। मम्मा एंड पापा, मैं अपनी लाइफ से बहुत परेशान हो चुकी हूं। मुझसे ऐसे अकेले घर में नहीं बैठा जा रहा है। अनएंप्लायड होने की वजह से लोगों के ताने अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होते। लव यू मम्मा एंड पापा, लव यू ब्रो (अंशू)..। यह इबारत दीवार पर लिखने के बाद चौबीस साल की आकांक्षा फांसी पर झूल गई।
दीवार पर लिखा सुसाइड नोट
बेरोजगार होने का दर्द झेल रही बर्रा के आजाद कुटिया निवासी होटल संचालक राजेंद्र गुप्ता की बेटी आकांक्षा (24) ने स्केच पेन से दीवार पर सुसाइड नोट लिखकर फांसी लगा ली। भाई अंशू के घर लौटने पर घटना का पता लगा। भाई अंशू ने बताया कि शाम को घर लौटने पर जब दरवाजा नहीं खुला तो उसने पिता को बताया। पिता ने आकर हथौड़े से दरवाजे के कुंडे के पास की दीवार तोड़कर दरवाजा खोला और अंदर पहुंचे तो शव फंदे से लटका था। तुरंत आकांक्षा को रीजेंसी अस्पताल ले गए। जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
एमकॉम करने के बाद बैंक भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रही थी
राजेंद्र ने बताया कि बेटी एमकॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद बैंक की तैयारी कर रही थी। पत्नी पूनम को नौबस्ता में बहन नीलम के घर जाना था। बेटा अंशू उन्हें टेंपो में बैठाने बर्रा बाईपास गया था। इस बीच घर अकेला पाकर आकांक्षा ने यह कदम उठा लिया।
कई दिन से बहकी-बहकी बातें कर रही थी आकांक्षा
कई दिन से तनाव में थी बेटी घटना के बाद घर पहुंची मां बेटी का शव देख बेहाल हो गईं। बोलीं कि बेटी कुछ दिन से परेशान थी। किसी से ज्यादा बात नहीं कर रही थी। कई एग्जाम भी दिए लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। बहकी-बहकी बातें करती थी। उसे समझाते तो अनसुना कर देती थी लेकिन हमें इतना बड़ा दुख दे जाएगी, सोचा नहीं था
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