समेजा कोठी।(सतवीर सिह मेहरा)कहते हैं ना जनसमर्थन के पीछे व्यक्ति का काम बोलता हैं और बिना इच्छा शक्ति व समाज सेवा भाव के व्यक्ति जन समर्थन हासिल नही कर सकता चाहे वह कितना ही प्रभावशाली हो।अबकी बार विधानसभा चुनाव में लोग बिना सोचे समझे हर किसी को वोट नही देने वाले हैं।समेजा उपतहसील के लोगो को समेजा में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र होने पर भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा हैं।कहने को तो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं लेकिन सुविधा उप स्वास्थ्य केन्द्र के बराबर भी नही हैं।30 बैड वाले अस्पताल में मात्र 6 बैड ही लगे हैं।अब आप पाचवे हिस्से में लगी सुविधा को सुविधा कहेगे या मजाक।सच्च में जनता से मजाक ही हैं आखिर जनप्रतिनिधि की वोट लेने के बाद जबावदारी नही बनती की वह लोगों के लिए सुविधा में विस्तार करवाये।सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 5 डॉक्टरो के पद स्वीकृत हैं जबकि लम्बे अरसे से एक ही डॉक्टर कार्यरत हैं।अस्पताल में ईमेरजेंसी मरीज 108 से आते हैं जिससे एक डॉक्टर के चलते अधिकांश मामलों में मरीज को रैफर कर दिया जाता हैं।अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के जांच हेतु महिला डॉक्टर का अभाव हैं जिससे महिला अपनी समस्या खुलकर नही बता पाती। अस्पताल में सोनोग्राफी की सुविधा न होने के कारण महिलाऐ महंगी जांच करवाने को मजबूर हैं।अस्पताल में अन्य लगभग 6 पद खाली पड़े हैं।अस्पताल में लगभग 100 मरीजो की ओपीडी हैं।लेकिन अधिकारी कागजों में तो सरकार को सही आंकडे दिखाकर खुश करते रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बया कर रही हैं।
विधायक और जनसुविधा-वास्तव में यदि कोई नेता जनता के करीब होता हैं तो वह विधायक।विधायक को जनता इसलिए चुनती हैं की वह सरकार से जनता को सुविधा मुहिया करवाये जो जनहित के लिए आवश्यक हैं।वर्तमान में तो विधायक को करोडो रूपयों का बजट मिलता हैं जिससे जनहित की सुविधा में विस्तार करवाया जा सकता हैं।समेजा कोठी में मुख्य समस्या अस्पताल को वह सब सुविधा मुहिया करवाना हैं जो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में होनी चाहिए।जनता अबकी बार चाहती हैं की घोषणा पत्र में अस्पताल की सुविधा को लेकर जरूर जिक्र होना चाहिए।अस्पताल में महिला डॉक्टर का पद जरूर स्वीकृत हो ताकि महिला अपनी तकलीफ सही व निसंकोच बता सके।
परखेगी जनता- पहले वाले हालात अब नही रहे लोग समझदार व जागृत हो गये हैं।अबकी बार लोग उन्हें ही वोट देने के मुड में हैं जो जीतने के बाद जनता को पीठ न दिखाये।अकसर देखा जाता हैं की विधायक बनते ही विधायक जनता को मिलने से कतराने लग जाते हैं,फोन तक उठाने के लिए अन्य व्यक्ति रख लिया जाता हैं लेकिन अब लोग समझ चुके हैं अब ये खेल नही चलने वाला।वोटर अबकी बार नेता की परख करेगी आखिर वह सही व्यक्ति को वोट दे रहा हैं जो दुख दर्द में पीठ दिखाने के बजाय सीना तानकर मदद करेगा।खैर यह तो परिणाम सबके सामने आ ही जायेगे जब समेजा चिकित्साल्य की हालत में सुधार होगा।
0 टिप्पणियाँ
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे