मेरा देश बदल गया(डेमो फ़ोटो) |
स्वतंत्रता दिवस पर युवाओं को संदेश
दुशवारियों के बादलों को चीर कर अपने
तेजस्विता का झंडा अपनी मात्रभूमि के प्राचीर पर फहरा दो ........
.....
....तेरी ख्वाईशे हैं गर सूर्य सा चमकने की .
शर्त ये है कि तुझे पहले जलना पड़ेगा ..
दोस्त ..याद रखो मेहनत .जोश .जुनून .जज्बे के सामने .. बुलंदियां भी सर झुका देती हैं ..
सम्भव की सीमओं को लाँघो .असम्भव की सीमाओं में कदम रखो ..
अपने जुनून से उन कठनाईयों के दम्भ को तोड़ना होगा .
मजबूरियों के चोले को फाड़ कर प्रगतिपथ पर आगे बढ़ना होगा ..
तब जाकर नसीब होगा तुझे .तेरे ख्वाबों का जहाँ ..
यदि ग़ुमनामी के अंधेरों से निकल कर खुद को पहचान दिलाना चाहते हो ..खुद को साबित करना चाहते हो ..तो लड़ना तो पड़ेगा .साहब .
काली रातों से यदि उजालों के सफर की
ख्वाईश पाल रखी है .
तो संघर्ष की आग में खुद को झोंकना तो पड़ेगा ..
.तय कर लो फिर क्या चाहते हो ? ? ? .
कुछ दिनों की मौज मस्ती फिर सारी उम्र भर रोना .पछतावा करना .
बूढ़े माँ बाप की खामोश निगाहों में तैरते हजारों सवाल ..
बच्चों की मासूम आँखों में डूबता उनका भविष्य .
और हाँ .उस पत्नी को जिसे तुम हजारों वादे करके लाओगे ...तब बोलो क्या दोगे उसे ..शायद
तसल्ली ...? ?
हाँ शायद यही सब तो बचेगा फिर ....और जो तुम खुद नहीं कर पायें .उसका बोझ बच्चों पर डालोगे .उनकी खुशियाँ छीनोगे .उन्हे उनके हिसाब से जीने नहीं दोगे ..
और फिर विकल्प क्या है ? ? शायद यही करोगे और क्या करोगे ........? ? ? ? ?
.देखो कुछ बिगड़ा नहीं है अभी ...समय है सुधर जाओ .
कठोर परिश्रम करो .
सोच लो समझ लो .झोंक दो पूरी
ताकत को .....या फिर जो मर्जी हो वो करो ..
जैसा करोगे वैसा ही मिलेगा ..ये तुम स्वयं जानते हो .....
देश बदल गया अब खुद को बदलना होगा
लेखक परिचय
लेखक:- नन्दराम |
नंदराम ढ़ुढ़ाड़ा, 11 पी पतरोड़ा तहसील अनूपगढ़ जिला श्रीगंगानगर ।
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