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एनएचएम संविदाकर्मियों और विभागीय अधिकारियों की वार्ता विफल,आगे भी प्रभावित रहेगी स्वास्थ्य सेवाएं



@.. मांगें माने जाने तक अवकाश पर डटे रहेंगे एनएचएम कार्मिक

हनुमानगढ़(कुलदीप शर्मा)। प्रदेश के समस्त एनएचएम संविदा कर्मी अपनी मांगों को लेकर मंगलवार से सामूहिक अवकाश पर चल रहे हैं। आज इसकी समाप्ति के लिए प्रथम प्रयास के रूप में एनएचएम यूनियन और स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव व एनएचएम के मिशन निदेशक के साथ जयपुर स्वास्थ्य भवन में वार्ता भी हुई, लेकिन वार्ता में कोई हल नही निकल पाया। 


एनएचएम संघ सदस्य सुदेश जांगिड़ ने बताया कि प्रदेश के सभी एनएचएम प्रबन्धकीय संवर्ग के कार्मिक, आयुष चिकित्सक मंगलवार से सामूहिक अवकाश पर हैं। आज दूसरे दिन भी सामूहिक अवकाश जारी रहा। आज प्रात: 11 बजे राज्य स्तर पर वार्ता के बाद अवकाश समाप्ति की उम्मीद थी, लेकिन राज्य सरकार की उदासीनता के कारण वार्ता का कोई हल नही निकल सका। इसके चलते सभी सदस्यों द्वारा सामूहिक अवकाश जारी रखने का निर्णय लिया हैं। उन्होंने बताया कि वे गत चार-पांच दिनों से जयपुर में ही थे और वार्ता विफल हो जाने के बाद वे गुरूवार को जिला स्तर पर आगामी रणनीति बनाएंगे और अन्य जिलों के साथ मिलकर अपनी मांगें मनवाने की कोशिश जारी रखेंगे। 

एनएचएम संघ सदस्य मनीष शर्मा ने बताया कि कांग्रेस ने अपने जनघोषणा पत्र में समस्त संविदा कार्मिकों के नियमितीकरण का वायदा किया था, लेकिन वर्तमान में कमेटी और फिर सब-कमेटी बना कर सरकार इस मामले में ढुलमुल नीति अपना रही हैं। इसके अलावा केन्द्र सरकार से स्वीकृत वेतन वृद्धि भी सरकार कार्मिकों को नहीं दे रही हैं। उन्होंने कहा कि इस सामूहिक अवकाश के चलते विभागीय सेवाएं प्रभावित हो रही हैं,  जिनमें मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा एवं जाच योजना, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, टीकाकरण, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, तम्बाकू नियंत्रण, एनसीडी, जननी सुरक्षा योजना आदि के लाभार्थी प्रभावित हो रहे हैं। साथ ही इनके प्रचार-प्रसार, रिपोर्टिंग एवं भुगतान सम्बंधी कार्य भी अटक गये हैं। उन्होंने ने बताया कि सरकार द्वारा अगर कार्मिकों की मांगों पर शीघ्र विचार नही किया, तो यह आंदोलन और भी उग्र रूप धारण कर सकता हैं। 

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