@...समायोजन और अन्य मांगों को लेकर एनएचएम कार्मिक जता रहे हैं विरोध, कार्यालय रहे खाली
हनुमानगढ़(कुलदीप शर्मा)। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लगे कार्मिक मंगलवार से अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। खासकर, प्रबंधकीय कार्यालय मंगलवार को पूरी तरह सूने दिखाई दिए और अन्य केंद्रों पर भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं। निदेशालय से कार्मिकों को डराने व धमकाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, जिससे कार्मिकों में रोष पैदा हो गया है।
राजस्थान एनएचएम कार्मिक संघ के सदस्य मनीष शर्मा ने बताया कि एनएचएम कार्मिकों की जायज मांगे है और सरकार वर्षों से कार्मिकों को शोषण कर रही है। यही नहीं मंगलवार से कार्मिक शांतिपूर्ण तरीके से सामूहिक अवकाश पर हैं लेकिन निदेशालय स्तर के अधिकारी कार्मिकों को डराने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। ऐसे में कार्मिकों में रोष पैदा हो रहा है। उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार ने मार्च 2012 में एनआरएचएम के संविदा पदों को नियमित करने की घोषणा की थी तथा वर्तमान सरकार ने भी एनएचएम में कार्यरत सभी सविंदा कार्मिको को नियमित करने एवं समस्या समाधान करने की बात अपने घोषणा पत्र में की, लेकिन अभी तक इस पर गंभीरता से गौर नहीं किया गया।
संघ के सदस्य सुदेश जांगिड़ ने बताया कि राज्य सरकार के जन घोषणा पत्र में किए गए वादे अनुसार एनएचएम संविदा कार्मिकों को नियमित किया जाए। वहीं एनएचएम के अंतर्गत वर्ष 2017-18 से स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पॉलिसी लागू की जाए। संविदा कार्मिकों के वेतन विसंगति दूर की जाए ताकि अल्पवेतन भोगी कार्मिकों को राहत मिले। एनएचएम मे कार्यरत सभी कार्मिको को मेडिक्लेम पॉलिसी मे कवर किया जाए, जिसके लिए भारत सरकार के द्वारा राशि स्वीकृति की जा चुकी है। इसके साथ ही एनएचएम कार्मिकों पर झुंझुनू में दर्ज मुकदमें वापिस लिए जाएं। वहीं एजेंसी के मार्फत लगे कार्मिकों को सीधा विभाग में जोड़ा जाए। यदि इन मांगो पर गौर नहीं किया गया तो नर्सिंग कार्मिक भी आंदोलन की राह पर उतरेंगे।
आज यह स्वास्थ्य कार्यक्रम रहे प्रभावित
मिशन के तहत टीबी कार्यक्रम, मौसमी बीमारियां, तंबाकू सेल, एनसीडी सेल, शहरी स्वास्थ्य मिशन, आशा कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, आयुष सहित जिलास्तर से लेकर ब्लॉक एवं पीएचसी स्तर की स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैं। इसके साथ ही हर तरह की रिपोर्टिंग पूर्णत: ठप हो गई। सामूहिक अवकाश के चलते स्वास्थ्य विभाग की बैठकें व प्रशिक्षण रद्द हो गए।
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