जिला मुख्यालय पर प्रेस से रूबरू हुए प्रकोष्ठ कर्मचारी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी के प्रयासों से मिली जिले को टीम
श्रीगंगानगर/हनुमानगढ़(कुलदीप शर्मा) प्रदेश भर में हर वर्ष तम्बाकू से मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। हनुमानगढ़ जिले में भी आकंड़े कुछ ठीक नजर नहीं आ रहे हैं। आमजन के स्वास्थ्य के प्रति सवेदनशीलता दिखाते हुए आज चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग कार्यालय में तम्बाकू की जागरूकता के लिए प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस प्रेस वार्ता का आयोजन राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया। प्रेस वार्ता का उद्देश्य तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों के प्रति जन जागरूकता बढ़ाए जाने एवं सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003 के प्रावधानों की पालना करवाने की जागृति लाना रहा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी की पहल से मिली टीम
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राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत समीपवर्ती जिले श्रीगंगानगर में कार्यरत तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ को अब हनुमानगढ़ जिले का अतिरिक्त भर दिया गया है। जानकारी के अनुसार जिले में बढ़ते नशे की स्थिति को भांपते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अरुण कुमार की पहल पर राज्य स्तरीय अधिकारियों की अनुशंषा पर सयुंक्त निदेशक बीकानेर जॉन ने सम्भाग में बेहतर कार्य करने वाली टीम को जिला हनुमानगढ़ का दायित्व सौंपा है। आमजन व युवाओ के प्रति सवेदनशीलता दिखाने के चलते टीम ने अब हनुमानगढ़ में भी पदभार ग्रहण कर लिया है।
कोटपा अधिनियम की तहत अब खैर नहीं
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जिले में अब कोटपा अधिनियम की पूरी जिले में कड़ाई से पालन सुनिश्चित करवाने की बात सामने आई है। वहीं उल्लंघनकर्ता को बक्शे नहीं जाने की बात आज प्रेस वार्ता में सुनने को मिली। कार्यक्रम प्रभारी अजय शेखावत ने बताया कि पुलिस विभाग के सहयोग से जिलेभर में धारा 4 व 6 के तहत चालानिंग की कार्रवाई की जावेगी। अधिकृत अधिकारी जैसे खाद्य सुरक्षा अधिकारी,ड्रग इंस्पेक्टर एवं उप निरक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी की मदद से धारा 5 व 7 के तहत सीजर एवं कोर्ट चालान की कार्रवाई भी अब की जाने की बात कही।
इन स्थानों पर बेचा तम्बाकू तो होगी कार्रवाई
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जैसा कि आप सभी जानते ही है कि सार्वजनिक स्थल, आंगनबाड़ी केंद्र,शिक्षण संस्थान, चिकित्सा संस्थान के सौ गज के दायरे में तम्बाकू उत्पाद का क्रय, विक्रय, भंडारण एवं वितरण करना प्रतिबन्ध होने के साथ-साथ कानूनी अपराध भी है। समाजिक कार्यकर्ता निपेन शर्मा ने बताया कि समय-समय पर विभिन्न दुकानों जेस की किरयाना,पान भंडार, मिठाई व खाद्य प्रदार्थ की दुकान, चाय, रेस्टोरेंट, होटल एवं सार्वजनिक स्थलों के साथ-साथ सरकारी रोडवेज कार्यालयों, रोडवेज-रेलवे में भी इस बाबत सर्वे निरक्षण एवं चालानिंग कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस प्रकार देखा जाए तो आने वाले समय मे सब कुछ कहे अनुसार रहा तो शायद नशे पर थोड़ा अंकुश लगाया जा सकता है।
क्या कहते है नियम
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ऐसे कोई भी तम्बाकू उत्पाद जिन पर 85 प्रतिशत सचित्र स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित नहीं कि गयी हो उन तम्बाकू उत्पादों को बेचना, खरीदना, भंडारण एवं वितरण करना गलत है। खुला तम्बाकू उत्पाद नहीं बचा जा सकता है। 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को तम्बाकू देना व तम्बाकू उत्पाद बिकवाना दोनो दण्डनीय अपराध है। ऐसा करने पर कोटपा अधिनियम के तहत कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है।
स्पष्ट बात...
डॉ. अरुण कुमार,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
सवांददाता :-आप तम्बाकू बिक्री के बारे में क्या सोचते हैं ?अधिकारी:- जिले में तम्बाकू उत्पादों की बिक्री बढ़ी है। जिसको लेकर चिकित्सा विभाग सवेदनशील है।सवांददाता:- आपने टीम को कैसे चुना ?अधिकारी:- मेने जिले में नशे की बढ़ती संख्या को देखते हुए तम्बाकू नियंत्रण टीम की अनुशंषा बीकानेर सम्भाग निदेशक से की तो हमारे जिले को टीम मिली जो अब कार्य ग्रहण कर चुकी है।सवांददाता:- पड़ौसी जिला हनुमानगढ़ से आगे है आपका क्या लक्ष्य रहेगा ?अधिकारी:- हमारा लक्ष्य श्रीगंगानगर की तरह हनुमानगढ़ जिले को भी तम्बाकू नियंत्रण, रोकथाम एवं जनजागरूकता में बेहतर परिणाम दिलाना है ताकि हमारा जिला प्रथम स्थान पर आ सके।
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