श्रीगंगानगर। जिले के सूरतगढ़ कस्बे में महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय में करीब चार माह पूर्व हुई आगजनी की घटना की जांच को लेकर विभागीय अधिकारी गंभीर नहीं है। इससे आगजनी की घटना को भी संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है। यहां सबसे खास बात यह है कि सीडीपीओ की ओर से प्रेषित पत्र के बावजूद अभी तक उपनिदेशक की ओर से इस मामले की जांच के लिए किसी तरह की कमेटी गठित नहीं की गई है। वहीं सीडीपीओ कार्यालय में आगजनी से जले कागजात की वजह से आ रही बदबू से कर्मियों व नागरिकों को परेशानी हो रही है। जानकारी के अनुसार गत वर्ष 10 दिसम्बर को सुबह करीब चार बजे सीडीपीओ कार्यालय के स्टोर रूम में आग लगी थी।
आग से उठी लपटों को देखकर राहगीरों की सूचना पर सिटी पुलिस एवं दमकल गाड़ी मौके पर पहुंची और बड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। आग लगने के का कारण शार्ट सर्किट होना बताया गया था। सीडीपीओ के स्टोर रूम में विभाग के आवश्यक दस्तावेज सहित योजना संबंधित सामान रखा हुआ था, जो अभी भी अधजली हालत में जस का तस पड़ा है। आगजनी की घटना के बाद तत्कालीन सीडीपीओ ने 12 दिसम्बर को समेकित बाल विकास सेवाएं के उपनिदेशक को पत्र प्रेषित कर आगजनी से नष्ट हुए कार्यालय रिकार्ड व सामान के आंकलन के लिए कमेटी गठित करने की सिफारिश की थी। आगजनी की घटना के चार माह बीतने के बाद भी अब तक जिला मुख्यालय से कोई अधिकारी मामले की जांच के लिए नहीं आया और ना ही किसी तरह की जांच कमेटी गठित हो सकी है।
सीडीपीओ कार्यालय में आगजनी की घटना के बाद से ही स्टोर रूम से जले हुए सामान से बदबू आ रही है। सीडीपीओ कार्यालय के साथ में बने स्टोर रूम से अभी तक जला हुआ सामान बाहर नहीं निकाला गया है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर स्टोर रूम पर ताला लगाया गया है ताकि जांच टीम गठित होने पर जले सामान की जांच हो सके। सूरतगढ़ में कार्यवाहक सीडीपीओ विनोद रेगर के अनुसार उन्होंने कार्यालय का हाल ही में चार्ज संभाला है। कार्यालय में हुई आगजनी की घटना के बारे में जानकारी ली जाएगी।
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