मेरी राय!धमकी कहीं हक़ीक़त ना बन जाए!
मुझे नही लगता की ये धमकी कोई मामूली धमकी हो सकती है. इस धमकी के पीछे गुनेहगार भी हो सकते है! इस धमकी के पीछे बड़ा ब्लेकमेलिंग गिरोह भी हो सकता है. जिस प्रकार से डिजिटल मीडिया का इस्तमाल बढ़ रहा है अपराधों की संख्या भी बढ़ी है. अगर मेरे वाले मामले पर भी गौर की जाए तो इस मामले ने इतना स्पष्ट कर दिया की आज के वक़्त में अपराधी भी इतना हाईटेक हो चुका है की वो अब सोशल मीडिया का सहारा लेकर अपराध करने लगा है. पवन व्यास हत्याकांड में 18 माह बाद भी खुलासा नहीं होना शायद इस और इशारा कर रहा है की ये जरूर किसी बड़े शातिर गिरोह के अपराधी हो जिन्हे सब कुछ आता हो! अब मीडिया द्वारा जब मुहीम चलाई गयी तो हो सकता है शायद ये ही गिरोह बोखला गया हो की अब कहीं शिकंजे में ना आ जाए. अब इस धमकी को मैं तो बिलकुल भी हलके में नहीं लेना चाहता हूँ. अगर इस गिरोह द्वारा या किसी पक्ष द्वारा मुझे नुक्सान पहुंचाया जाएगा तो इस गिरोह का ही हाथ माना जाए! मेरी राय यह भी है अगर पुलिस इस मामले को हल्के में लेती है तो कहीं पवन व्यास हत्याकांड की तरह हमे भी निशाना बना दिया गया तो आखिर जिम्मेदार तो पुलिस भी रह सकती है. अब इस मामले में पुलिस हमसे कोई सबूत मांगती है तो हम जांच में सहयोग करने का पूरा प्रयास करेंगे। ये जरूर होगा की कुछ ना कुछ इस मामले में निकलेगा! (कुलदीप शर्मा)
Tuesday, 19 March 2019

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Hanumangarh - बैखौफ व हाईटेक अपराधियों ने दे डाली मीडियाकर्मी को धमकी
Hanumangarh - बैखौफ व हाईटेक अपराधियों ने दे डाली मीडियाकर्मी को धमकी
पवन व्यास हत्याकांड को लेकर खबरों के बाद मिली धमकी
फोटो से छेड़छाड़ कर अपराधियों ने रची बड़ी साजिश!
स्पेशल डेस्क रिपोर्ट
हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ में मीडियाकर्मी को धमकी देने का सनसनीखेज मामला सामनें आया है. पहले मीडियाकर्मी के मोबाइल पर फोन और व्हाट्सप्प करके देख लेने की धमकी दी जाती है. कोर्ट केश करने व जान से मारने सहित धमकी देते हुए अंजाम भुगतने की चेतावनी दी. गौरतलब है कि जिले में पिछले कुछ दिनों से पुलिस की नाकामी के चलते अपराधियों के हौसले पूरी तरह बुलन्द है और क्राईम का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. 18 माह पूर्व जसाना के पवन व्यास नामक व्यक्ति की हत्या हुई थी जिसका खुलासा आज तक नहीं हो पाया है. शर्मा को फोन पर मिली जान से मारने की धमकी के बाद से वो खुद को काफी असुरक्षित महसूस कर रहे है।
18 माह पूर्व हुई थी पवन व्यास की हत्या
जसाना व्यास हत्याकांड को लेकर पुलिस अपना प्रयास कर रही है. पुलिस से लेकर सीआईडी और अब एसओजी इस जांच में हाथ डाल चुकी है. नोहर के जसाना गाँव में घटित इस हत्याकांड ने हर किसी को अंदर तक झकझोर कर रख दिया था. आज भी जसाना गाँव में पवन व्यास के परिजन अपने लाल के हत्यारो के पकड़े जाने का इन्तजार कर रहे है. जसाना गाँव भी पवन व्यास के हत्यारो को लेकर बड़ा संघर्ष करता आ रहा है. बात चाहे विरोध प्रदर्शन की हो या विधानसभा चुनावों के बहिष्कार की! हर जगह की पवन व्यास के परिजनों का सहयोग ग्रामीण करते आये है.
दैनिक सीमांत रक्षक ब्यूरो को बड़ी धमकी!
पवन व्यास हत्याकांड को लेकर जसाना ग्रामीण पिछले 18 माह से संघर्ष कर रहे है. इस संघर्ष के चलते जहां हत्यारो को पकड़े जाने का डर सताने लगा है तो वहीं अब मीडियाकर्मी को भी धमकाने व डराने का प्रयास शुरू किया जा चुका है! दैनिक सीमांत रक्षक समाचार की चलाई जा रही "इन्साफ तक जारी" मुहीम को लेकर अपराधी खौफ खाते हुए नजर आ रहे है. हालांकि समाचार पत्र इस बात की पुष्टि नहीं कहां है करता की ये हत्यारे ही हो सकते है. लेकिन जिस प्रकार से ब्यूरो चीफ को धमकिया दी जा रही है. उससे अंदाजा तो ये ही लगता है की शायद हमारी खबरों से अपराधी बौखला गए हो! हालांकि ये तो पुलिस जांच करे तो ही पता चल पायेगा की आखिर असली हक़ीक़त क्या है.
ब्लैकमेलिंग का बड़ा गिरोह भी आ सकता है सामने!
पवन व्यास हत्याकांड को लेकर समाचार पत्र द्वारा चलाई जा रही मुहीम के चलते हो सकता है की किसी भी तरिके से अपराधी इस मुहीम का गला घोटना चाह रहे है। असली खानी ये है की पवन व्यास हत्याकांड की खबर को गायब करके उसकी जगह किन्ही औरतो की फोटो लगाकर स्क्रीन शॉट किया गया है।
जिसको लेकर ब्यरो चीफ को लगातार फोन कॉल करके परेशान किया जा रहा है. इनकी हरकतों को सॉफ देख कर इतना तो साफ़ लगता है की या तो ये गिरोह किसी तरह से समाचार पत्र की मुहीम को दबाने का प्रयास करने का प्रयास कर रहे है या फिर किसी बड़े ब्लैकमेलिंग गिरोह के सदस्य है. सीमांत रक्षक समाचार पत्र को जिस प्रकार धमकिया दी जा रही है वो किस और इशारा करती है. पुलिस से लेकर आमजन खुद काफी समझदार है. वो लोग या तो ये कभी नहीं चाहते की इस पवन व्यास हत्याकांड का खुलासा हो या वो ब्लेकमेलिंग के जरिये बड़ी ठगी करने के फिराक में होंगे। लेकिन दोनों ही सूरत में साफ़ है की अपराधी कितने हाईटेक हो चुके है।
क्या है पूरा घटनाक्रम
सोमवार की रात को ठीक 10 बजाकर 10 मिनट पर एक अन्जान नंबर से ब्यूरो चीफ को कॉल आती है और कहा जाता है की आप को हम ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे। खुद को श्रीगंगानगर एचडीएफसी बैंक का कर्मचारी बताते हुए कहता है की मेरे साथ कुछ महिलाये काम करती है और आपने उन महिलाओ की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल की है. आप अपना एड्रेस बताओ हम आपको ज़िंदा नही छोड़ेंगे और अभी हम सभी गाडी भरकर आ रहे है. उसके बाद ठीक उसी नंबर पर व्हाट्सप्प मैसेज आता है और फिर देख लेने की धमकी दी जाती है. इस पुरे मामले से इतना स्पष्ट होता है की अपराधी कितने हाईटेक हो चुके है. इस घटनाक्रम के बाद समाचार पत्र ने अपनी मुहीम को बंद ना करने का फैसला लेते हुए ऐसे बिना डर के निरंतर चलाने को लेकर फैसला लिया है. अगर इस गिरोह द्वारा किसी तरह की उलटी सीधी हरकत की जाती है तो जिम्मेदारी खुद जिम्मेदारों की ही होगी।
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