श्रीगंगानगर। अदालत ने मारपीट व गाली-गलौच के एक मामले में तत्कालीन प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी जय यादव को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए उनके खिलाफ प्रसंज्ञान लेने के आदेश दिये हैं। साथ ही जय यादव को नोटिस जारी कर तलब किया है। जिले के सादुलशहर कस्बे के निवासी राकेश उर्फ काली मदान पुत्र सतपाल मदान द्वारा अपने अधिवक्ता धर्मेन्द्र शर्मा के माध्यम से अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने इस्तगासा दायर किया हुआ है। इस्तगासा पर सुनवाई करते हुए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ममता चौधरी ने तत्कालीन सादुलशहर थानाप्रभारी एवं प्रशिक्षु आईपीएस जय यादव को प्रथम दृष्टया आरोपी मानते हुए धारा 323, 341 व 504 के तहत प्रसंज्ञान के आदेश दिये हैं।
अधिवक्ता धर्मेन्द्र शर्मा ने बताया कि चार जून 2014 की शाम 6.30 बजे आईपीएस जय यादव ने अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर राकेश उर्फ काली मदान के कार्यालय में नाजायज रूप से प्रवेश किया। लोक सेवक होने के बाद लोक कत्र्तव्यों का निर्वहन न करके राकेश उर्फ काली मदान के कपड़ों के शोरूम की बिक्री के आठ लाख रुपये डरा-धमकाकर लूट लिये व कुछ राशि अपने पास रखकर छह लाख 45 हजार रुपये जुए की रकम बताकर फर्जी मुकदमा बना दिया। साथ ही संजय एवं अन्य लोगों के साथ मारपीट की। एडवोकेट शर्मा के अनुसार न्यायालय ने राकेश उर्फ काली मदान, विकास उर्फ विक्की तथा संजय के शपथपूर्वक कथन लेखबद्ध किये। बहस के दौरान एडवोकेट शर्मा ने तर्क पेश किये कि जय यादव आईपीएस प्रशिक्षु ने कानून का जानकार होने के बावजूद कानून की अवहेलना करते हुए राकेश मदान के परिसर में नाजायज रूप से घुसकर लाखों की राशि उठा ली। राकेश व अन्यों केा धमकाते हुए परिसर से बाहर कर दिया।
संजय के साथ मारपीट और गाली-गलौच करते हुए चोटें पहुंचाईं, जिसका राजकीय चिकित्सालय सादुलशहर में मैडिकल मुआयना भी हुआ। राकेश मदान और अन्य गवाहों के बयानों से आरोपी के द्वारा अपराध करना प्रथम दृष्टया साबित पाया गया। इस सम्बंध में एडवोकेट शर्मा ने राजस्थान उच्च न्यायालय की नजीर भी पेश की। न्यायालय ने आईपीएस जय यादव के विरुद्ध प्रथम दृष्टया मामला मानते हुए प्रसंज्ञान लेकर नोटिस के जरिये उन्हें तलब करने के आदेश दिये हैं।
0 टिप्पणियाँ
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे