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Sri GangaNagar - वेतन विवाद को लेकर थर्मल में मजदूरों का धरना लगा,आज हाइवे ठप कर देने की चेतावनी


श्रीगंगानगर। सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट में एक प्राइवेट कम्पनी के अधिकारियों का एक श्रमिक के वेतन को लेकर उत्पन्न हुए विवाद ने आज सोमवार को तूल पकड़ लिया, जब इसे सुलझाने के लिए कम्पनी तथा थर्मल के अधिकारियों ने कोई बातचीत नहीं की। इससे आक्रोशित श्रमिकों ने सुपर क्रिटिकल इकाइयों के गेट के सामने अनिश्चितकाल के लिए धरना लगाने की घोषणा कर दी। चेताया गया है कि अगर कल मंगलवार सुबह 10 बजे तक विवाद को नहीं सुलझाया गया तो श्रीगंगानगर-बीकानेर नेशनल हाइवे 62 पर थर्मल टी प्वाइँट पर धरना लगाकर यातायात ठप कर दिया जायेगा।

हासिल जानकारी के अनुसार सुपर क्रिटिकल इकाइयों में एक प्राइवेट कम्पनी सिग्मा भी है। इस कम्पनी में काम करने वाले नजदीकी गांव ठुकराना के एक मजदूर काले शाह के साथ अधिकारियों का पिछले दिनों विवाद हो गया। दरअसल इस थर्मल में कार्यरत निजी कम्पनियों द्वारा श्रमिकों-कर्मचारियों को तीन-तीन, चार-चार महीने देरी से वेतन दिया जाता है। विगत दिवस काले शाह अपना बकाया तीन-चार माह का वेतन लेने के लिए गया, तो अधिकारियों ने उसका हिसाब चुकता करते हुए आगे से काम पर न आने के लिए कह दिया। इस पर काले शाह ने अचानक नौकरी से हटा दिये जाने पर नियमानुसार डिमांड राशि (एक या दो माह का वेतन) की मांग की, तो उन्होंने इससे इंकार कर दिया। विगत शनिवार को काले शाह फिर से कम्पनी ऑफिस में गया तो आरोप है कि अधिकारियों ने वहां सुरक्षा के लिए तैनात केन्द्रीय ओद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों की मौजूदगी में काले शाह से उसका गेट पास छीनते हुए खदेड़ दिया। शाम को काले शाह ने कम्पनी ऑफिस पर अपना ताला लगा दिया।


इसी विवाद के चलते आज श्रमिकों ने सुपर क्रिटिकल इकाइयों के गेट के बाहर धरना लगाया और सभा की। सभा में एटा-सिंगरासर नहर निर्माण संघर्ष समिति के संयोजक राकेश बिश्रोई के अलावा जसराम बुगालिया, जयवर्धन सिंह चाड़सर, मांगीलाल वर्मा तथा विक्रम ङ्क्षसह आदि ने सम्बोधित किया। इस सभा के दौरान सिग्मा कम्पनी तथा थर्मल के अधिकारियों द्वारा बातचीत का कोई निमंत्रण नहीं दिया गया, जिस पर आक्रोशित हेाकर श्रमिकों ने गेट के सामने टैंट लगाकर अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा कर दी। श्रमिकों की अगुवाई कर रहे नेताओं ने यह एलान भी कर दिया कि कल सुबह 10 बजे के बाद हाइवे के थर्मल टी प्वाइँट पर धरना लगा दिया जायेगा। इस बीच श्रमिकों ने अपनी अन्य मांगों को भी जोड़ दिया है।

उनकी ओर से 12 सूत्री मांगों का एक पत्र तैयार किया गया है। मांग की गई है कि थर्मल के मजदूरों को 28 फरवरी तक का पूरा भुगतान किया जाये, स्थानीय लेबर के सभी मजदूरेां के गेट पास बनाये जायें, गेट पास की समय सीमा तय की जाये, पूर्व में हुए समझौते के अनुसार स्थानीय मजदूरों को 80 प्रतिशत अनुपात में मजदूरी देने का जो समझौता हुआ है, वह सिविल और मैकेनिकल कार्यांे में भी लागू किया जाये। इसके अलावा जो मजदूर थर्मल के अंदर मजदूरी कर रहे हैं, उनकी डिमांड देने की पॉलिसी को सार्वजनिक करने की मांग की गई है। इस थर्मल में विगत दिनों एक श्रमिक की हादसे में मौत हो गई थी।


 तब समझौता हुआ था कि इस श्रमिक के आश्रितों को 22 लाख का मुआवजा दिया जायेगा। इसमें 50 हजार रुपये नकद दिये गये और 11 लाख रुपये विगत 26 फरवरी को दिये जाने थे। बाकी रकम कल 26 मार्च को देनी तय है। श्रमिकों ने मृत श्रमिक के आश्रितों को यह भुगतान भी कल कर दिये जाने की मांग की है।

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