समेजा कोठी/श्रीगंगानगर जिले की उपतहसील समेजा कोठी में खूंखार कूत्तों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं,जिससे बड़ो से लेकर छोटे बच्चों तक में हर समय रास्तों से गुजरते समय भय देखा जाता हैं।कुत्तों के झुण्ड बीच रास्ते खडे रहते हैं।समेजा कोठी में तेजी से बढ़ती कुत्तों की संख्या चिन्ताजनक हैं। खाद-बीज सोसायटी रोड़ पर कुछ लोग कुत्तों को बीच रस्ते लोगो को काटने के लिए छोड़ते हैं।बच्चों से चिप्स पैकट व बिस्कुट छीन लेते हैं कहने पर कुते रखने वाले कुछ लोग गंदी गालिया निकालते हैं जबकि कुत्तों के आक्रमक रूख से डरते बच्चें घरों से नही निकल पाते।स्कूली बच्चों को भी हमेशा काटने का भय सताता रहता हैं।सरकार भले ही दावा करे कि रैबिज का इंजेक्शन रैबिज पर कंट्रोल करता हैं लेकिन जागरूकता के अभाव में लोग रैबिज इंजेक्शन नही लगवाते व घरेलू उपचार करते रहते हैं जिससे लोगों में रैबिज फैल जाता हैं और इंसान पागलपन का शिकार हो जाता हैं।युवाओं में कुत्ते पालने का शौंक ज्यादा ही देखने को मिल रहा हैं लेकिन जरा सी लापरवाही से व्यक्ति की जान जा सकती हैं क्योंकि कई बार जरा सी खंरोच कई महिनों बाद नासूर बन सकती हैं।समेजा में पशु पालन विभाग ने आज तक कुत्तों की संख्या पर लगाम लगाने पर कोई प्रयास नही किया हैं।यदि समय रहते कोई ऊचित कदम नही उठाया तो समस्या गंभीर रूप लेगी।कुत्ते पालक लोगों को भी कुत्तों के खुले छोड़न् पर पाबंदी लगाई जानी चाहिये ताकि किसी की जान जोखिम में न पडे।
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