धरना स्थल पर वार्ता के लिए खबर लिखे जाने तक किसी अधिकारी ने आना मुनासिफ नही समझा।ग्रामीण विधायक के आने की उम्मीद लगाये बैठे थे लेकिन वह नही पंहुचे।अनशन पर बैठे लोगों को सुबह किसी नेता का यदि समर्थन मिला तो उसका परीणाम सरपंची के चुनाव में देखने तो मिलेगा।अब देखने वाले बात हैं की सरकार अनशनकारी की सुध कब लेती हैं।
धरना स्थल पर वार्ता के लिए खबर लिखे जाने तक किसी अधिकारी ने आना मुनासिफ नही समझा।ग्रामीण विधायक के आने की उम्मीद लगाये बैठे थे लेकिन वह नही पंहुचे।अनशन पर बैठे लोगों को सुबह किसी नेता का यदि समर्थन मिला तो उसका परीणाम सरपंची के चुनाव में देखने तो मिलेगा।अब देखने वाले बात हैं की सरकार अनशनकारी की सुध कब लेती हैं।
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