बीकानेर।(सतवीर सिह मेहरा) संभागीय आयुक्त भंवर लाल मेहरा ने बकाया ऑडिट आक्षेपों की ठोस अनुपालना करवाते हुए इनके समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए हैं।
Monday, 22 March 2021

Home
Bikaner
Rajasthan
Rajasthan News
report exclusive
बकाया ऑडिट आक्षेपों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित हो- मेहरा*
बकाया ऑडिट आक्षेपों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित हो- मेहरा*
मेहरा ने सोमवार को संभागीय आयुक्त कार्यालय में संभागीय प्रशासनिक समिति की मासिक बैठक को संबोधित करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में विभिन्न न्यायालयों में चल रहे प्रकरणों की जानकारी ली और गबन के प्रकरण की पूर्णतया तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए। बैठक में गत बैठक के दौरान लिए गए निर्णयों की क्रियान्वित , गबन प्रकरण, पंचायती राज और स्वायत्त संस्थाओं के बकाया गंभीर अ वह ब श्रेणी के ड्राफ्ट पैरों के निस्तारण और बकाया अंकेक्षण शुल्क की स्थिति की भी समीक्षा की गई।।अतिरिक्त निदेशक स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग बीकानेर व सदस्य सचिव संभागीय प्रशासनिक समिति प्रताप सिंह पूनिया ने सभी जिलों के विभिन्न कार्यालयों के बकाया आक्षेपों ,गबन प्रकरण और निस्तारित किए गए आक्षेेपों की जिलेवार प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। ।इस अवसर पर जिला परिषद श्रीगंगानगर के मुख्य अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुकेश बारेठ, कृषि विपणन बोर्ड के संयुक्त निदेशक शशि शेखर शर्मा ,जिला परिषद के वरिष्ठ लेखा अधिकारी श्रवण कुमार छींपा सहित नगर विकास न्यास राजस्थान आवासन मंडल ,राजस्थान भाषा साहित्य अकादमी एवं अन्य संस्थाओं के अधिकारी उपस्थित रहे।
Tags
# Bikaner
# Rajasthan
# Rajasthan News
# report exclusive
Share This
About report exclusive news
report exclusive
लेबल:
Bikaner,
Rajasthan,
Rajasthan News,
report exclusive
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
आपके सुझाव आमंत्रित
क्या कॉरपोरेट घरानों द्वारा चलाए जा रहे या पारिवारिक विरासत बन चुके मीडिया संस्थानों के बीच किसी ऐसे संस्थान की कल्पना की जा सकती है जहां सिर्फ पत्रकार और पाठक को महत्व दिया जाए? कोई ऐसा अखबार, टेलीविजन चैनल या मीडिया वेबसाइट जहां संपादक पत्रकारों की नियुक्ति, खबरों की कवरेज जैसे फैसले संस्थान और पत्रकारिता के हित को ध्यान में रखकर ले, न कि संस्थान मालिक या किसी नेता या विज्ञापनदाता को ध्यान में रखकर. किसी भी लोकतंत्र में जनता मीडिया से इतनी उम्मीद तो करती ही है पर भारत जैसे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में मीडिया के वर्तमान माहौल में संपादकों को ये आजादी बमुश्किल मिलती है. वक्त के साथ-साथ पत्रकारिता का स्तर नीचे जा रहा है, स्थितियां और खराब होती जा रही हैं. अब हम निष्पक्ष व् स्वतंत्र रूप से जुड़ने का काम करने का प्रयास कर रहे हैं.
No comments:
Post a comment
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे