अब सलोट बुकिेंग के बिना ऑन स्पोट रजिस्ट्रेशन के जरिए 18 से 44 आयु वर्ग के लोग करवा सकेंगे कोविड 19 वैक्सीनेशन- जिला कलक्टर

 अब सलोट बुकिेंग के बिना ऑन स्पोट रजिस्ट्रेशन के जरिए 18 से 44 आयु वर्ग के लोग करवा सकेंगे कोविड 19 वैक्सीनेशन- जिला कलक्टर  

जिला कलक्टर श्री नथमल डिडेल ने सभी बीसीएमएचओ को उनके क्षेत्र के वैक्सीनेशन साइट पर इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
वैक्सीनेशन सेंटर पर पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर रहेगा टोकन सिस्टम लागू 

हनुमानगढ़, । जिला कलक्टर श्री नथमल डिडेल ने शुक्रवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि जिले में अब सलोट बुकिंग ( ऑनलाइन अपोइंटमेंट) के बिना केवल ऑन स्पोट रजिस्ट्रेशन के जरिए 18 से 44 आयु वर्ग के लोग कोविड 19 वैक्सीनेशन करवा सकेंगे। सरकार ने 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के कोविड19 वैक्सीनेशन में सुविधा प्रदान करते हुए ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन का प्रावधान किया है। यानि अब सलोट बुकिंग ( ऑनलाइन अपोइंटमेंट) की जरूरत नहीं है। वैक्सीनेशन करवाने वाला व्यक्ति केवल कोविन पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कर लें। रजिस्ट्रेशन के दौरान जो चार डिजिट का रेफरेंस नंबर आता है। वह और खुद का मोबाइल नंबर वैक्सीनेशन साइट पर बता दे। उसका टीकाकऱण कर दिया जाएगा।

समस्त वैक्सीनेशन स्थल पर होगी टोकन व्यवस्था

                             जिला कलक्टर ने बताया कि समस्त कोेविड19 वैक्सीनेशन स्थलों पर टोकन व्यवस्था लागू की गई है। इसमें वैक्सीनेशन सेंटर पर आवंटित वैक्सीन डोज की संख्या के आधार पर टोकन जारी किए जाएंगे। पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर वैक्सीनेशन के लिए आने वाले को टोकन दिए जाएंगे। उदाहरण के तौर पर- किसी वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन की 200 डोज दी गई है। तो वहां 200 टोकन ही जारी किए जाएंगे। जो वैक्सीन सेंटर पर पहले आएगा। उसे पहले टोकन दे दिया जाएगा।

18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को टीकाकरण के लिए कोविन पोर्टल पर केवल रजिस्ट्रेशन की अपील 

                             जिला कलक्टर ने जिले के समस्त 18-44 आयुवर्ग के नागरिकों से अपील की है कि वे अपना रजिस्ट्रेशन कोविन पोर्टल पर कर लेवें। ताकि टीकाकऱण के दिन सैशन साईट पर अपने रेफरेंस नंबर और मोबाइल नंबर बता कर ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन से टीकाकरण करवा सकें। गौरतलब है कि इससे पहले 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों का कोविड 19 वैक्सीनेशन सलोट बुकिंग ( ऑनलाइन अपोइंटमेंट) के जरिए ही होता था और गांव में नेट की गति धीरे होने के कारण गांव के युवा लोग टीकाकरण से वचिंत रह रहे थे।

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