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श्रीगंगानगर जिले से निकली पहली आक्सीजन एक्सप्रेस

 


रेलवे ने इसके लिये बनाया ग्रीन काॅरिडोर
श्रीगंगानगर, 20 मई। कोविड-19 महामारी में मरीजों को आॅक्सीजन की कमी न हो, इसके लिए रेल व अन्य मार्गों से आॅक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। बीकानेर रेल मंडल द्वारा भी इस कार्य में योगदान दिया जा रहा है। गुजरात के वडोदरा से रवाना होकर बीकानेर मंडल के लालगढ बाई पास, सूरतगढ़, स्टेशन से होते हुए बठिंडा की ओर पहली आॅक्सीजन स्पेशल ट्रेन बुधवार को भेजी गई। इसकी स्पीड बीकानेर मंडल पर 61 किमी प्रति घंटा रही। इस ट्रेन ने बीकानेर मंडल क्षेत्र में 480 किमी सफर पूरा किया।
 इस ट्रेन को पश्चिम रेलवे के वडोदरा यार्ड से बठिण्डा कैंट के लिए लोड किया गया था। इसमें आॅक्सीजन के कुल दो टैंकर थे। एमबीडब्ल्यूटी वैगन में लोडेड इस ट्रेन की अधिकतम गतिसीमा 65 किमी प्रति घंटा होती है। ये ट्रेन उत्तर पश्चिम रेलवे के अजमेर मंडल, जोधपुर मंडल होते हुए बीकानेर मंडल को फलौदी सटेशन पर हस्तांतरित हुई। बीकानेर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक श्री संजय श्रीवास्तव के दिशा निर्देशन में ग्रीन काॅरिडोर बना कर इसे चलाया गया। इसकी माॅनीटर्रिंग बीकानेर मंडल के अतिरिक्त उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्यालय द्वारा भी की जा रही थी। (फोटो)
-रेलवे ने इसके लिये बनाया ग्रीन काॅरिडोर
श्रीगंगानगर, । कोविड-19 महामारी में मरीजों को आॅक्सीजन की कमी न हो, इसके लिए रेल व अन्य मार्गों से आॅक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। बीकानेर रेल मंडल द्वारा भी इस कार्य में योगदान दिया जा रहा है। गुजरात के वडोदरा से रवाना होकर बीकानेर मंडल के लालगढ बाई पास, सूरतगढ़, स्टेशन से होते हुए बठिंडा की ओर पहली आॅक्सीजन स्पेशल ट्रेन बुधवार को भेजी गई। इसकी स्पीड बीकानेर मंडल पर 61 किमी प्रति घंटा रही। इस ट्रेन ने बीकानेर मंडल क्षेत्र में 480 किमी सफर पूरा किया।
 इस ट्रेन को पश्चिम रेलवे के वडोदरा यार्ड से बठिण्डा कैंट के लिए लोड किया गया था। इसमें आॅक्सीजन के कुल दो टैंकर थे। एमबीडब्ल्यूटी वैगन में लोडेड इस ट्रेन की अधिकतम गतिसीमा 65 किमी प्रति घंटा होती है। ये ट्रेन उत्तर पश्चिम रेलवे के अजमेर मंडल, जोधपुर मंडल होते हुए बीकानेर मंडल को फलौदी सटेशन पर हस्तांतरित हुई। बीकानेर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक श्री संजय श्रीवास्तव के दिशा निर्देशन में ग्रीन काॅरिडोर बना कर इसे चलाया गया। इसकी माॅनीटर्रिंग बीकानेर मंडल के अतिरिक्त उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्यालय द्वारा भी की जा रही थी। 

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