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मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना का लाभ लेने के लिए समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में करें संपर्क

 मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना का लाभ लेने के लिए समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में करें संपर्क 

'मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना में अभी मिलेंगे एक लाख रूपये 
18 साल की उम्र तक ढ़ाई हजार रूपये प्रतिमाह, 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर मिलेंगे 5 लाख रूपये
कोरोना में पति की मृत्यु होने पर विधवा हुई महिलाओं को एक मुश्त मिलेगी 1 लाख की सहायता राशि, फिर डेढ़ हजार रूपए विधवा पेंशन प्रतिमाह मिलेगी 
खास बात ये कि आयु वर्ग एवं आय की कोई सीमा नहीं है 


हनुमानगढ़,। कोविड - 19 महामारी से अपने माता-पिता को खो चुके अनाथ बच्चों का सहारा बनी राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना का लाभ लेने के लिए समाज कल्याण विभाग के जंक्शन स्थित पुरानी कलेक्ट्रेट परिसर में स्थिति कार्यालय में संपर्क करें।  समाज कल्याण अधिकारी श्री सुरेन्द्र कुमार पूनियां ने बताया कि कोरोना के कारण माता-पिता दोनों को अथवा एकल जीवित माता या पिता को खोने वाले बेसहारा बच्चों को मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना के तहत तत्काल सहायता के रूप में एक लाख रूपये का एकमुश्त अनुदान तथा 18 वर्ष पूरे होने तक ढ़ाई हजार रूपये की राशि प्रतिमाह दी जाएगी। अनाथ बालक-बालिका के 18 वर्ष की उम्र होने पर उसे 5 लाख रूपये एकमुश्त सहायता दी जाएगी। ऐसे बच्चों को 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की सुविधा आवासीय विद्यालय अथवा छात्रावास के माध्यम से निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।

                          श्री पूनियां ने बताया कि कोविड- 19 महामारी के कारण बेसहारा हुई कॉलेज में अध्ययनरत छात्राओं को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। कॉलेज में पढ़ने वाले बेसहारा छात्रों को अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना का लाभ मिलेगा। कोविड महामारी से प्रभावित निराश्रित युवाओं को मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता दिए जाने में प्राथमिकता दी जाएगी।

                         श्री पूनियां ने बताया कि इस महामारी के कारण अपने पति को खो चुकी विधवा महिलाओं को भी राज्य सरकार द्वारा एकमुश्त एक लाख रूपये की सहायता अनुदान के रूप में दी जाएगी। साथ ही, ऐसी विधवाओं को प्रतिमाह डेढ़ हजार रूपये विधवा पेंशन दी जाएगी। खास बात ये कि इसके लिये आयु वर्ग एवं आय की कोई भी सीमा नहीं होगी। इन विधवाओं के बच्चों को निर्वाह के लिए एक हजार रूपये प्रतिमाह तथा स्कूल ड्रेस एवं किताबों के लिए दो हजार रूपये सालाना प्रति बच्चा दिया जाएगा। श्री पूनियां ने बताया कि इन सब योजनाओं का लाभ लेने के लिए अभ्यर्थी समाज कल्याण विभाग के पुरानी कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय में कार्यालय समय में संपर्क करें। संबंधित को योजना का लाभ तत्काल दिया जाएगा। 

                          उल्लेखनीय है कि कोरोना की दूसरी लहर में एक मात्र सहारा छिन जाने से कई बच्चे बेसहारा हो चुके हैं। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने ऐसे बच्चों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए इनके लिए पैकेज तैयार करने के निर्देश दिये थे।

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