डी.ए.पी. उर्वरक की उपलब्धता बनी रहेगी
किसान भाई आवश्यकतानुसार ही क्रय करेंश्रीगंगानगर, । कृषि विभाग के अनुसार इस रबी सीजन में श्रीगंगानगर जिले की डी.ए.पी. उर्वरक की मांग 30,000 मै0 टन है। जिसके बदले आज दिनांक तक जिले में लगभग 12,000 मै0 टन की आवक होने के उपरान्त रबी फसलों में उपयोग में लायी जा चुकी है तथा लगभग 1300 मै0 टन डीएपी उर्वरक की उपलब्धता थोक व खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के पास उपलब्ध है।
उपनिदेशक जी आर मटोरिया ने बताया कि जिले में कल शाम को एन.एफ.एल.कंपनी का 1700 मै0 टन का रैक लगा है व आज ही हनुमानगढ़ में ईफको के 2400 मै0 टन डीएपी उर्वरक के रैक लगने की संभावना है। इसके अतिरिक्त आगामी दो-तीन दिनों में आई.पी.एल. कंपनी का 3000 मै0 टन का रैक सूरतगढ़ में लगेगा। इस प्रकार जिले में डीएपी उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहेगी। किसान भाईयो से यह अनुरोध है कि वे वर्तमान समय में सप्ताहवार/सिंचित हुए क्षेत्र (रोणी भूमि) में आवश्यक डीएपी उर्वरक की मात्रा ही बाजार से क्रय करें व किसी प्रकार का अनावश्यक संग्रहण व भण्डारण न करें। इसके अतिरिक्त लगभग 2500 मै0 टन एन.पी.के. का स्टॉक भी उपलब्ध पड़ा है। एनपीके एक संतुलित उर्वरक है इसमें 12 प्रतिशत नाईट्रोजन, 32 प्रतिशत फास्फोरस व 16 प्रतिशत पोटाश भी होती है। इसका इस्तेमाल भी किसानों को करना चाहिए। एनपीके का उपयोग मृदा उर्वरता संतुलीकरण एवं अधिक फसल उत्पादन के लिए लाभदायक है।
0 टिप्पणियाँ
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे