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हड़ताल पर गईं नर्सिंगकर्मी, कलक्ट्रेट के सामने शुरू किया धरना,ग्रेड पे 3600 करने और पदनाम परिवर्तन की रखी मांग



हनुमानगढ़। नर्सिंग कर्मियों ने सोमवार को अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ से सम्बंध एलएचवी/एएनएम संघ ऑफ राजस्थान के बैनर तले बेमियादी समय के लिए महाहड़ताल शुरू कर जिला कलक्ट्रेट के समक्ष धरना लगा दिया। एएनएम की ग्रेड पे 3600 और एलएचवी की 4200 रुपए ग्रेड पे करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर नर्सिंग कर्मी बेमियादी समय के लिए हड़ताल पर गई हैं। संघ कोषाध्यक्ष निशु वर्मा ने कहा कि एक एएनएम शुरू में एएनएम के पद पर लगती है और उसी पद से उसे सेवानिवृत्ति दी जा रही है। जबकि एक चपरासी को भी बाबू पे ग्रेड तक पहुंचने का मौका दिया जाता है। लेकिन धरातल से जुड़ी हुई एएनएम अपना कार्य पूरी जिम्मेदारी से कर रही हैं। जीएनएम और डॉक्टर से बढक़र कार्य एएनएम कर रही हैं। 

लेकिन बावजूद इसके सरकार थर्ड ग्रेड शिक्षक के बराबर भी उन्हें नहीं मान रही। न ही एएनएम का जॉब कार्ड निश्चित है। काम पूरा न होने पर अधिकारियों की ओर से एएनएम को ही तलब किया जाता है। उन्होंने कहा कि एलएचवी का पदनाम सीनियर सर्किल हेल्थ नर्स ऑफिसर और एएनएम का पदनाम पब्लिक हेल्थ नर्स ऑफिसर किया जाए। एएनएम की ग्रेड पे 3600 और एलएचवी की 4200 रुपए करने सहित विभिन्न मांगें जब तक पूरी नहीं हो जाती, तब तक वे पीछे नहीं हटेंगी। उपाध्यक्ष संतोष चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार के समक्ष पदनाम परिवर्तन और ग्रेड पे 3600 को लेकर अपनी मांगें रखी थी, लेकिन सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। वे अपने जूनियर के अधीन कार्य कर रही हैं। 27 साल से नौकरी करने के बावजूद पदनाम परिवर्तित नहीं किया गया। फोन एप का अतिरिक्त कार्य करने का दबाव बनाया जा रहा है। अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना काल में किए गए कार्य का पैसा अभी तक नहीं मिला। रिटायरमेंट के नजदीक वाली एएनएम को एलएचवी पद पर भी पदोन्नत नहीं किया जा रहा। सरकार अन्त तक सभी को एएनएम के रूप में ही जान रही है। इस कारण प्रदेश की सभी महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में रोष है। महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सहित सभी जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया गया है। कोई भी महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में कोई कार्य नहीं करेंगी, सभी हड़ताल पर रहेंगी। 



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