जल संसाधन विभाग
अवैध नाजायज नाकों को बंद करवाने हेतु दिशा-निर्देश
श्रीगंगानगर। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के ध्यान में आया है कि विभागीय स्वीकृत नाकों के अतिरिक्त कुछ काश्तकारों द्वारा विभागीय स्वीकृति के बिना अवैध, नाजायज नाकों का निर्माण स्वयं के स्तर पर कर अपने रकबा की सिंचाई की जाती है। जिसके विरुद्ध प्रभावित, अन्य काश्तकारों द्वारा अवैध, नाजायज नाकों को बन्द करवाये जाने के संबंध में मुख्य अभियन्ता, जिला कलक्टर एवं अन्य उच्च स्तर पर परिवेदनायें, शिकायत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किये जाते है तथा राजस्थान सर्म्पक पोर्टल पर परिवाद दर्ज करवाये जाते हैं।
जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता श्री धीरज चावला ने बताया कि मुख्य अभियन्ता, जिला कलक्टर एवं अन्य उच्च स्तर पर से प्राप्त प्रकरण अधिशाषी अभियंता को कार्यवाही हेतु प्रेषित किये जाते हैं जो कि उनके द्वारा सहायक अभियन्ता के माध्यम से सम्बन्धित अध्यक्ष जल उपयोक्ता संगम को प्रेषित किये जाते हैं। अध्यक्ष जल उपयोक्ता संगमो द्वारा अवैध नाकों को बन्द करवाये जाने हेतु प्रभावी कार्यवाही नहीं की जाती है, जिस कारण से प्राप्त परिवेदनाएं, शिकायत प्रार्थना पत्रों का निस्तारण समयावधि में सम्भव नहीं हो पाता है।
अवैध, नाजायज नाकों को बन्द करवाये जाने हेतु अधिशाषी अभियंताओं को विभिन्न दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। विभागीय स्वीकृत नाकों के अलावा अन्य अवैध, नाजायज नाका के सम्बन्ध में विभिन्न माध्यम से अभी तक प्राप्त हुई शिकायत पर अथवा अधिशाषी अभियंता के संज्ञान में प्रचलित अवैध नाका को मुख्य अभियन्ता जल संसाधन उत्तर हनुमानगढ़ के द्वारा जारी परिपत्र 10 फरवरी 2023 की अनुपालना में मौका पर प्रचलित अवैध, नाजायज नाकों को मध्य फसल अवधि से पूर्व अवैध नाका निर्मित करने वाले काश्तकार के खर्चें पर बन्द करवाया जाना सुनिश्चित करें।
यदि विभाग द्वारा स्वीकृत नाका के स्थान पर मुरब्बा में एकल नाका प्रचलित हो तो आई.डी.आर एक्ट के अन्तर्गत प्रचलित एकल नाका को स्वीकृत करवाये जाने हेतु सम्बन्धित काश्तकार को पाबन्द करें।
यदि काश्तकारों द्वारा निर्धारित समय में अवैध, नाजायज नाका बन्द नहीं किया जाता है, तो अवैध, नाजायज नाका से अनाधिकृत रूप से की जाने वाली आबपाशी पर तावान की कार्यवाही प्रस्तावित करते हुए सम्बन्धित अध्यक्ष एवं पटवारी के माध्यम से अवैध, नाजायज नाका बन्द करवाया जावें। यदि अवैध, नाजायज नाकाबन्द किये जाने में कोई विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है, तो उपखण्ड़ राजस्व अधिकारी से पुलिस जाब्ता प्राप्त कर अवैध, नाजायज नाकाबन्द करवाये जाने की कार्यवाही करें।
यदि अवैध, नाजायज नाकाबन्द किये जाने की कार्यवाही के दौरान काश्तकारों द्वारा कोई बाधा उत्पन्न किये जाने अथवा काश्तकारों द्वारा बन्द करवाये गये अवैध, नाजायज को पुनः चालू किये जाने पर दोषी काश्तकार के विरुद्ध एफ.आई.आर दर्ज करवाते हुए, राजस्थन सिंचाई एवं जल निकास नियम 1995 की धारा 31 के उपनियम 10 के अन्तर्गत बारी वर्जित किये जाने के प्रस्ताव भिजवाये जावें।
यदि किसी अवैध नाजायज नाका पर किसी भी न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश जारी किये गये हो तो स्थगन आदेशों की प्रति काश्तकार द्वारा उपल्बध करवाये जाने पर उक्त नाकों में न्यायालय आदेश की पालना सुनिश्चित की जावें एवं न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों की प्रभावी मॉनिटरिंग करते हुए जारी स्थगन आदेश हटवाया जाना सुनिश्चित करें।
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