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स्पेशल खबर-जरा नज़र घुमाए अधिकारी-युवाओं में प्रचलित सिगरेट का कोई हिसाब किताब नहीं


पत्रिकाxyz स्पेशल रिपोर्ट 
दिलीप सेन की रिपोट

प्रतापगढ़ 
आज कल युवाओं को प्रभावित करती कुछ सिगरेटे खुले आम पान ,किराना की दुकानों पर बिक रही है । कुछ गरम के नाम पर , कुछ ब्लैक के नाम पर इसी प्रकार और भी ब्रांड है जो युवाओं में काफी प्रचलित हो रहे है जिनको अपनाना युवा अपना फेशन समझता है । यदि प्रतापगढ़ जिले में इन  सिगरेटों की बिक्री का अनुमान लगाया  जाए तो पच्चीस से तीस लाख रुपये की सिगरेट हर माह बिक जाती है । यह सारा माल ऐसा अनुमान है कि मध्यप्रदेश की सीमा में या जिले में राजस्थान सीमा से बिना बिल के प्रवेश कर रहा है ।जिसका इमानदारीवाला  हिसाब किताब लोकल होल सेलरो के पास नहीं  है । वाणिज्यिक कर के कर प्रावधानों के अनुसार  २७ प्रतिशत कर तथा १० प्रतिशत प्रवेश कर सिगरेटों पर लागू होता है । टेक्स चोरी का अनुमान लगाया जाए तो यह आंकड़ा दस लाख प्रतिमाह से ऊपर जाता  है जबकि इसमे केंद्रीय उत्पाद शुल्क की चोरी तो अलग से है । यानी १५ लाख से ऊपर की राजस्व हानि सरकार को हो रही है । ऐसा पता चला है कि नान ब्रांडेड इन  सिगरेटो को रात्री में दुकानों पर सप्लाय किया जा रहा है क्योकि दिन में ब्रांडेड सिगरेटों के अधिकृत सल्सेमेन दुकानों पर घुमाते रहते है जिनकी नजर से बचाकर ये माल बेचा जा रहा है ।

स्वास्थ्य चेतावनी तथा चित्र के नियमो की पूरी तरह अनदेखी 

भारत सरकार के नियमो के अनुसार सिगरेट के पेकेट के  ८५ प्रतिशत क्षेत्र में वैधानिक ,स्वास्थ्य चेतावनी तथा चित्र का प्रकाशन अनिवार्य है जबकि उसका खुल्लेआम उलंघन होकर बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध है ।

भारी भ्रष्टाचार की आशंका
इस प्रकार की सिगरेटों के व्यापार में खुलेआम उलंघनो को देखते हुए वाणिज्यिक कर विभाग , स्वास्थ्य  विभाग तथा केंद्रीय उत्पाद शुल्क के कर्मचारियों की सांठ गाँठ की आशंका बलवती होती है क्योकि प्रतापगढ़  जिले के इतिहास में नान ब्रांडेड सिगरेटों को लेकर कभी कोई बड़ी कार्यवाही बीते सालो में नजर नहीं  आई हैं ।

खबर से सम्बन्धित शिकायत और सुझाव के लिए सम्पर्क करे । 
patrika.xyz@gmail.com  मो. 9414540955 

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