Advertisement

Advertisement

नोट्बन्दी मामले में आय मोड़,नोटों की छपाई में इस्तमाल हुए कागजों की जानकारी देने से इनकार


Bussiness News । भारत में हुई नोट बंदी (Currency Banned) को कौन नहीं जानता होगा । अचानक रात को हुई घोषणा के बाद कोई नहीं सम्भल पाया होगा तो वहीं देश में भ्रष्टाचार (Corruption Free India)  को खत्म करने के उद्देश्य को लेकर किये गये नोट्बन्दी से एकबारगी सभी परेसान दिखे थे अभी जी मीडिया की वेबसाइट पर मिली खबर के अनुसार आरबीआई (RBI) के स्वामित्व वाली नोट प्रिंटिंग कंपनी ने कहा है कि 500 और 2000 रुपये के नोटों की छपाई के लिए कागज के आयात की जानकारी देने से भारत की संप्रभुता प्रभावित होगी तथा एक तरह के अपराध को उकसावा मिल सकता है ।

RTI के तहत मांगा गया था जवाब

भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (BRBNMPL) ने एक आरटीआई आवेदन के जवाब में उंचे मूल्य के नोटों की छपाई के लिए कागजों के आयात से संबंधित सूचनाएं देने से इनकार कर दिया । सूचना इनकार किया जाना इस मायने में अहम है कि मीडिया में खबर आयी थी कि नये नोटों की छपाई के लिए इस्तेमाल में लाये गये कागज काली सूची में डाली गयी कंपनी से आयात किये गये थे ।

 मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीआरबीएनएमपीएल ने आरटीआई आवेदन के जवाब में कहा, ‘सूचना नहीं दी जा सकती है क्योंकि यह सूचना के अधिकार कानून की धारा 8 :1::ए: के दायरे में आती है ।’ यह धारा किसी भी ऐसी सूचना का खुलासा किये जाने पर पाबंदी लगाती है जो भारत की संप्रभुता एवं एकता को पूर्वग्रह के आधार पर प्रभावित करती हो, जो किसी अन्य देश के संदर्भ में भारत की सुरक्षा, रणनीतिक, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों पर असर डालती है या लोगों को अपराध के लिए प्रेरित करती है ।

2016 में आठ नवंबर को 500 और 1000 के नोट नोटबंदी के तहत बंद हो गए थे

आरबीआई से उस कंपनी या आपूर्तिकर्ता का नाम बताने को कहा था जहां से मुद्रा नोट का कागज आयात किया गया । इसी के साथ उससे आयात की मात्रा, सहमतिपत्र की प्रति भी मांगी गयी थी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन पर अंकुश लगाने की कोशिश के तहत पिछले साल आठ नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से हटाने की घोषणा की थी । तत्पश्चात 500 और 2000 रुपये के नये नोट नये डिजायन एवं अभेद्य सुरक्षा उपायों के साथ जारी किये गये  ।

वहीं इस प्रकार के आये जवाब के बाद मीडिया में खबरे (Media News) आने के बाद राजनेतिक हलचल होने की भी आशंका हैं तो वही विपक्ष भी समय-समय पर नोट्बंदी (Currency Banned) को लेकर सवाल उठाता रहा हैं । वहीँ अब आई ईस खबर के बाद क्या होता हैं ये देखने वाली बात रहेगी । 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement