हनुमानगढ़ में जहरीली पॉलीथिन का उपयोग धड़ल्ले से
प्रशासन व नगरपरिषद महज़ छूट-मुट कार्रवाइयां कर खुश
शहर में जहरीली पॉलीथिन थैलियों का उपयोग बेखौफ
कुलदीप शर्मा की कलम से
हनुमानगढ़। पर्यावरण प्रदूषण, आम व्यक्ति की सेहत और पशुओं के लिए पॉलीथिन एक अभिशाप साबित हो रहा है। हनुमानगढ़ सहित राज्य भर में पॉलीथिन के उपयोग और ब्रिकी पर राज्य सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है। इसके बावजूद हनुमानगढ़ शहर में ही नहीं पूरे जिले में पॉलीथिन का उपयोग खुलेआम किया जा रहा है। पॉलीथिन पर्यावरण के लिए ही नहीं आम व्यक्ति स्वास्थ्य के लिए घातक है। लेकिन राज्य सरकार द्वारा 2010 में राज्य भर में 40 एमएम माइक्रोक्रॉन से कम पॉलीथिन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था । इस बीच नगर परिषद ने शहर में पॉलीथिन का उपयोग करने वाले और ब्रिकी करने वालों पर समय-समय पर छापामार कार्रवाई की गई लेकिन हैरत की बात कि जब से पॉलीथिन जब्त की गई परन्तु उसके बाद क्या होता हैं और किस-किस पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाती हैं वो सभी सिर्फ इतिहास बन कर रह जाती हैं ।
करोड़ो के पॉलीथिन व्यापार की आशंका
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शहर में बड़े स्तर पर पॉलीथिन का उपयोग होता है और सूत्रों की माने तो इनकी सप्लाई पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से भी आती बताई जा रही है।वहीं सूत्रों की माने तो हनुमानगढ़ जिले में प्रति माह एक से तीन करोड़ रुपए का व्यवसाय बताया जा रहा है। इस आंकड़ो से इतना अनुमान तो लगाया जा सकता हैं कि शहर में इन बड़े व्यवसायियों की बल्ले-बल्ले तो हो रही हैं लेकिन ये व्यवसाय आमजन व पशुओं के लिए घातक साबित हो रहा हैं ।राजस्थान सरकार से लेकर केंद्र सरकार भले ही पॉलीथिन रोकने के लिए प्रयास करले लेकिन यहां के तमाम जिम्मेदार उनके इस प्रयास को जड़ से खत्म करने में लगे हुए हैं।
शहर को पॉलीथिन मुक्त का सपना
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शहर को पॉलीथिन मुक्त करने का सपना महज एक सपना बन कर रह गया है। नगर परिषद ने शहर को पॉलीथिन मुक्त करने के लिए दिखावे मात्र कई बार अभियान चलाए। परिषद की टीम ने कई बार छोटी-मोटी कार्रवाई की और लोगों में इसका भय भी बना रहा लेकिन कुछ दिन बाद फिर वही स्थिति हो जाती है।शहर में आज आमजन से लेकर पशुओं के लिए घातक साबित हो रही पॉलीथिन को लेकर कोई कुछ करने को तैयार नज़र नहीं आ रहा हैं।आखिर इस तरह से हमारा शहर कब तक पॉलीथिन मुक्त हो पायेगा ये तो सिर्फ लगता हैं सपना ही रहने वाला हैं।
बेखौफ हो रहा पॉलीथिन का उपयोग
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शहर में पॉलीथिन का खुलेआम प्रयोग हो रहा है। दुकानदार बेखौफ होकर पॉलीथिन में ही सामान दे रहे हैं। ग्राहक भी कानून का उल्लंघन करने में पीछे नहीं हैं। बजाय कागज के थैले ले जाने के ग्राहक पॉलीथिन के थैलों का ही प्रयोग कर रहा है। इतना ही नहीं, शहर में ही पॉलीथिन का भंडारण और निर्माण भी कराया जा रहा है। अधिकारियों के स्तर से कार्रवाई न होने से नियमों का उल्लंघन करने वालों के हौसले बुलंद हैं। आज कानून व नियम महज़ हनुमानगढ़ शहर में मज़ाक बने हुए नज़र आ रहे हैं । पॉलीथिन के प्रति जागरूकता व खौफ दोनों ही दूर-दूर तक नज़र नहीं आते हैं।
सजा का है प्राविधान
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पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-19 के तहत पॉलीथिन का प्रयोग करने, निर्माण करने अथवा भंडारण करने की पुष्टि होने पर ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एक साल की सज़ा से लेकर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। आज तक इस नियम के पालन के लिए अधिकारियों के स्तर से पहल नहीं की गई। स्थिति यह है कि पूरे शहर में कहीं भी पॉलीथिन प्रतिबंधित से संबंधित नोटिस बोर्ड भी नहीं लगाए गए। जो कि साफ जाहिर करता हैं कि हमारी नगरपरिषद कितनी जागरूक व सजग हैं ।
सब्जी मंडी में पॉलीथिन का सरेआम उपयोग
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शहर में दुकानदारों व रेहड़ी संचालको के अलावा सब्जी मंडी प्रांगण में सरेआम पॉलीथिन का उपयोग किया जाता हैं।यॉर्कर अखबार ने जब सुबह-सुबह जाकर वहां का नज़ारा देखा तो हैरान कर देने वाला था।वहां पर बड़े स्तर पर जहरीली पॉलीथिन का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा हैं।सुबह नीलामी से लेकर दिन भर दुकानदारों को धड़ल्ले से जहरीली घातक पॉलीथिन का उपयोग करते हुए देखा जा सकता हैं।यहां तक भी हालात देखे गए कि मंडी के व्यपारियो द्वारा किसानों को भी ये पॉलीथिन सौंप दी जाती हैं ताकि वो भी अपना माल इसी जहरीली थैली में लाये,जो कि आज सरेआम चलन बन गया हैं।
किसने क्या कहा:--
पॉलीथिन उपयोग को लेकर काफी बार समझाईश की जा चुकी हैं।सब्जी मंडी यूनियन को भी पत्र लिखा जा चुका हैं।रेहड़ी वालो को भी बार-बार निर्देशित किया जा चुका हैं कि आप सभी जहरीली पॉलीथिन का उपयोग ना करे।अगर फिर भी कर रहे हैं तो खुद भुगतेंगे- अजीत,सब्जीमण्डी,जंक्शन
पॉलीथिन को लेकर हम खुद सजग हैं इसको लेकर आज-कल में हम कार्रवाई करेंगे। दुकानों पर छापेमारी की जाएगी। जिन दुकानदारों के पास प्रतिबंधित पॉलीथिन प्राप्त होगी, उसे जब्त कर कार्रवाई कराई जाएगी- सुरेंद्र पुरोहित,एसडीएम हनुमानगढ़
पॉलीथिन को लेकर नगरपरिषद ने कार्रवाइयां की हैं।अभी हमने 35-40 जगहों पर छापामारी करते हुए उन पर पेनल्टी लगाई हैं - राकेश मेहंदीरत्ता,आयुक्त नगरपरिषद
हनुमानगढ़ में पॉलीथिन का उपयोग सरेआम होता हैं जिसको लेकर हम एनजीटी में जाएंगे तो वहीं नहरों में हो रहे प्रदूषण को लेकर भी मेरे द्वारा एनजीटी में मामला पहुंचाया हुआ है- शोभा डूडी,पूर्व जिला प्रमुख हनुमानगढ़
2 टिप्पणियाँ
ji bhut hi badiya m to kayl hu tumhari site ka ek dm badiya ji suprr ise hi khate hai asli patrkarita , desh me ese patrkar hoto fir dekh hi desh hoga , or made in india hoga salute sir
जवाब देंहटाएंThanks
जवाब देंहटाएंइस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
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